हैड़ाखान आश्रम में कार्यशाला में बोले प्रांतीय प्रचारक डॉ शैलेन्द्र -भारतीय संस्कृति और चिकित्सा पद्धति NCDs रोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय
रानीखेत -शुक्रवार को हैड़खान आश्रम में भोले बाबा आयुर्वेदिक हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ शैलेन्द्र जी (प्रान्तीय प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उत्तराखण्ड) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा विभिन्न प्रकार की NCDs व्याधियों की रोकथाम के लिए पूरा विश्व चिन्तित है और विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में कोई समुचित इलाज नहीं है।
उन्होंने कहा कि मानवता इन बड़ी व्याधियों से पीड़ित होती जा रही है और पूरे विश्व का ध्यान हमारी भारतीय संस्कृति और भारतीय चिकित्सा पद्धति की तरफ है।
ऐसे में हम सभी का यह परम कर्तव्य है कि हम अपनी संस्कृति, जीवन शैली, आहार-विहार, ऋतुचर्या का शत प्रतिशत पालन करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ प्रवीन कुमार रेड्डी ( निदेशक स्वामी विवेकानन्द हैल्थ मिशन सोसाइटी) ने कहा भारतीय जीवन परंपरा का जिन्होंने भी अनुपालन अपने जीवन में किया है वे शतायु प्राप्त कर समाज के लिए प्रेरणा के श्रोत रहे हैं और हम सबको ऐसे मनीषियों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में उचित आहार, विहार, संस्कार का पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर पद्मश्री सम्मानित ब्रिगेडियर डॉ अरविन्द लाल (चेयरमैन हैड़ाखण्डी समाज व एक्सीक्युटिव चेयरमैन डॉ लाल पैथलैब) एवं श्री संजीव सरना (सचिव हैड़ाखण्डी समाज) ने कहा कि आज के समाज में बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के कारण मनुष्य तनाव, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी तमाम व्याधियों से पीड़ित हो रहा है। ऐसे में सादा जीवन उच्च विचार की भारतीय परंपरा, सम्यक आहार-विहार से हम अपने को ऐसी जानलेवा व्याधियों से बचा सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अल्मोड़ा डॉ आर. सी. पन्त और जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी अल्मोड़ा डॉ श्रीमती निवेदिता जोशी ने भी NCDs से बचाव के लिए भारतीय संस्कृति और जीवनशैली अपनाने को ही मुख्य उपाय बताया।
इस अवसर पर डॉ अजीत तिवारी (राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर) ने विस्तृत रूप से आयुर्वेद संहिताओं में वर्णित जीवन शैली पर प्रकाश डाला और आहवान किया कि आज आयुर्वेद के ज्ञान एवं अनुपालन से ही हम अपने को इन व्याधियों से बचा सकते हैं। संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत सुश्री वरूणा अग्रवाल ने आयुर्वेद पद्धति से जीवन शैली में सुधार लाने के लिए आयोजित कार्यशाला को उपयोगी बताते हुए कहा कि कार्यशाला में ज्ञानी चिकित्सकों द्वारा रखे जा रहे विचारों का लाभ निश्चित रुप से मिलेगा।
उपर्युक्त कार्यशाला में डॉ श्रीमती वन्दना लाल (एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ लाल पैथ लैब), डॉ सी. पी. भैसोड़ा (प्रिसिंपल मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा) एवं डॉ प्रभात गुप्ता (कमांडिंग ऑफिसर मिलिट्री हॉस्पिटल रानीखेत ) ने भी उपस्थित अभ्यागतों से भारतीय जीवन शैली अपना कर तनाव एव मधुमेह से बचने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ विजयशील उपाध्याय ने प्रारंभ में सम्पूर्ण कार्यशाला की उपादेयता पर प्रकाश डाला और सभी सम्मानित अतिथियों एवं उपस्थित जनों का आहवान किया कि वे भारतीय संस्कृति एवं जीवनशैली अपनाने पर जोर दें। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ मुकेश गुप्ता ने किया और अभ्यागतों का स्वागत श्रीमती वन्दना उपाध्याय, डॉ एस. एस. मिश्रा एवं डॉ संजय श्रीवास्तव ने किया।
इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट जनों में डॉ जितेन्द्र पपनोई, डॉ शैलेन्द्र डागर, डॉ योगेश कुमार, डॉ अभिलाषा गुप्ता, डॉ हरिशंकर मौर्य, डॉ प्रियंका रमोला, डॉ शोभा पपनोई, डॉ अखिलेश चन्द्र पाण्डेय, डॉ अभय गुप्ता, डॉ मोनाली राठौर, कैप्टन रघुवर सिंह मेहरा, कैप्टन प्रमोद जोशी, राजकमल जोशी आदि
रहे ।