तीन दिवसीय ‘अन्त:स्वर’ कला प्रदर्शनी का कला संगोष्ठी के साथ समापन, सृजनात्मक गतिविधियां बढ़ाने पर जोर

ख़बर शेयर करें -


रानीखेत – रानीखेत मिशन इंटर कॉलेज सभागार में चित्रकार प्रकाश पपनै की तीन दिवसीय एकल कला प्रदर्शनी का समापन कला संगोष्ठी के साथ हुआ। जिसमें कलाकारों और कला प्रेमियों ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि तीन दिवसीय प्रदर्शनी में दर्शकों ने न सिर्फ कलाकृतियों का आनंद लिया अपितु उनके प्रभाव को भी गहराई से महसूस किया। वक्ताओं ने भविष्य में भी शहर में सृजनात्मक गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दिया

एकल प्रदर्शनी के चित्रकार प्रकाश पपनै ने कहा  कि  कलाकार की किसी भी प्रदर्शनी में दर्शकों का महत्वपूर्ण स्थान है। कलाकार अपने सौंदर्य बोध को अपनी कलाकृति में व्यक्त करता हैं, अपनी कला से  दुनिया को सौंदर्य का एक नया अनुभव देता हैं लेकिन उसे अपनी कला को परिमार्जित करने के लिए दर्शकों की प्रतिक्रिया जरूरी होती है तभी वह बेहतर सीख पाता है।कलाकृति और दर्शकों के बीच एक मजबूत रिश्ता होता है कलाकृति, कलाकार की अभिव्यक्ति है, और दर्शक इसे समझने और अनुभव करने के लिए होते हैं।यह एकीकरण,कलाकृति को सार्थक और प्रभावशाली बनाता है। इसलिए यह एकीकरण जरूरी है। कहा कि अपने लोगों के बीच में एक प्रदर्शनी करने का बहुत ही अच्छा अनुभव रहा।

प्रसिद्ध चित्रकार खुर्रम अमीर (लखनऊ)ने
कलाकार कलाकृति को एक गहरा अर्थ प्रदान करता है जो दर्शकों को छूता है और उन्हें सोचने के लिए प्रेरित करता है। कलाकार की संवेदना,करूणा उसे बेहतर इंसान बनाती है।एक बेहतर इंसान ही सृजनात्मक प्रतिभा से संपन्न हो सकता है।
रंगकर्मी और कार्यक्रम संयोजक विमल सती ने तीन दिवसीय प्रदर्शनी को अद्वितीय बताते हुए भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनाए रखने का आश्वासन दिया। कहा शहर में कला , संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में आए शून्य को काफी हद तक भरा जा चुका है।आगे और कार्य करने की जरूरत है। चित्रकार जीवन तिवारी ने प्रदर्शनी को सफल बताते हुए प्रकाश पपनै के साथ की गई कला यात्रा के दिनों को याद किया। शिक्षक आशुतोष पांडे ने कहा कि एक कलाकार की प्रतिभा को लेकर अभिभावक हमेशा उसके भविष्य को लेकर आशंकित रहते हैं इससे मै भी घिरा रहा। पूर्व जिंप सदस्य विमला रावत और अमित पांडेय ने आयोजन को सफल बताते हुए भविष्य में में सहयोग का आश्वासन दिया। शिक्षिका गीता जोशी ने कहा कि सिद्ध कलाकारों की प्रस्तुतियों से नए कलाकारों को भी प्रेरणा मिलती है।
कला संगोष्ठी में दीपक पंत, चंद्र शेखर पपनै ने भी विचार रखे। संगोष्ठी का सफल संचालन शिक्षक जगदीश उपाध्याय ने किया।
प्रदर्शनी समापन पर हुई कला संगोष्ठी में गायक कौशल सती , श्रीमती साजिया इरशाद ,गौरव तिवारी,गौरव भट्ट, सुनीता डावर,सोनम, भुवन साह, निकेत जोशी,शिक्षक दीपचंद्र पांडे ,मनोज जोशी,विनय पपनै श्रीमती मीनाक्षी उप्रेती जोशी,सहित अनेक कला प्रेमी मौजूद रहे।