आखिर पिता व चाचा ने दी थी बेटी की हत्या की सुपारी,एस टी एफ ने किया खुलासा
देहरादूनःपौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि को लड़की की हत्या की सुपारी देने वाले दो भाइयों को एसटीएफ-क्लेमनटाउन पुलिस ने मंगलौर से गिरफ्तार कर लिया। पिता ने अपनी ही बेटी की हत्या का सौदा 10 लाख रुपये में कर दिया। एसटीएफ और पुलिस इसी मामले में वाल्मीकि के तीन गुर्गों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने इसका खुलासा किया।
उन्होंने बताया कि बीते रविवार को नीरज पंडित पुत्र सुशील निवासी मोहना फरीदाबाद हरियाणा, सचिन पुत्र सोहनवीर निवासी सोरम पट्टी सोरम बुढ़ाना, अंकित पुत्र बलिष्टर निवासी सलारपुरा गंगोह सहारनपुर यूपी को गिरफ्तार किया गया था। तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि के गुर्गे हैं और उसके इशारे पर तीन हत्याओं को अंजाम देने की फिराक में थे। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस जांच में तेजी आई और पता चला कि मंगलौर हरिद्वार निवासी दो भाइयों ने हत्या की सुपारी दी थी।
उन्होंने लड़की और एक आरोपी की हत्या की योजना बनाई थी। इसके अलावा एक मामले में गवाह की हत्या का जाल भी वाल्मीकि के गुर्गों ने बुना था। हालांकि, इन तीन गुर्गों को एसटीएफ ने बीते रविवार को ही पकड़ लिया। गुरुवार को इसी मामले में मंगलौर के तांसीपुर में दबिश देकर दो भाइयों को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जो लड़की के पिता और चाचा निकले। आरोपियों से मोबाइल फोन कब्जे में लिया गया, जिससे इन्होंने नरेंद्र वाल्मीकि से बात की थी।
बेटी के अपहरण और दुराचार के आरोपी को भी मारने का प्लान था
पूछताछ में आरोपी पिता और चाचा ने बताया कि पारिवारिक मामले में अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए जेल में बंद नरेंद्र वाल्मीकि से एक फेक आईडी के जरिये फोन से बात की थी। नरेंद्र को 10 लाख की सुपारी दी गई थी। जिस आरोपी की हत्या करनी थी, उसके खिलाफ मंगलौर कोतवाली में नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज है। पुलिस के मुताबिक, नाबालिग लड़की अब बालिग हो चुकी है और इससे पहले दून के नारी निकेतन में रह रही थी। लड़की को आरोपी बहला-फुसलाकर ले गया था। बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। चार लाख रुपये लेने वाले आरोपी की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है।
हत्या के बाद मिलने वाली रकम के कई हिस्सेदार थे। तीन गुर्गों के अलावा कुख्यात अपराधी का रुड़की निवासी गुर्गा भी हिस्सेदार था। वाल्मीकि गिरोह के मुख्य शूटर पंकज भी हिस्सेदार था। सबसे अधिक रकम नरेंद्र वाल्मीकि को मिलनी थी। पुलिस के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि नवंबर में हत्या की जानी थी।