जातिवादी आरक्षण के विरूद्ध अखिल भारतीय समानता मंच की अल्मोड़ा में भी गठित हुई कार्यकारिणी
अल्मोड़ा: अखिल भारतीय समानता मंच, उत्तराखंड की जनपद अल्मोड़ा कार्यकारिणी का आज दिनांक 04 नवंबर 2022 देवोत्थानी एकादशी के दिन गठन किया गया।
समानता के अधिकार की मांग और राजनैतिक, वोटबैंकी दलीय भेदभाव को त्याग कर समानता के मूल संवैधानिक अधिकार की बहाली के लिए निरंतर संघर्षरत अखिल भारतीय समानता मंच की उत्तराखण्ड के जनपद अल्मोड़ा कार्यकारिणी के लिए सामाजिक कार्यकर्ता श्री वैभव जोशी जी को अध्यक्ष , स्वास्थ्य विभाग से जुड़े रहे समाज समर्पित सी एस नैनवाल जी को उपाध्यक्ष, एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल विभाग के पंकज जोशी को महासचिव, आरडब्ल्यूडी के भगवन्त सिंह रावत को सचिव, कलेक्ट्रेट के शशि मोहन पांडे को संगठन सचिव एवं शिक्षा विभाग के दिगंबर फुलोरिया को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया।
अल्मोड़ा जिला कार्यकारिणी के संयोजक के एन कांडपाल कृषि विभाग को संयोजक तथा एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल शिक्षा विभाग के पुष्कर सिंह भैंसोड़ा को सह- संयोजक पद की जिम्मेदारी है । स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त पीएस बोरा को संरक्षक मनोनीत किया गया।
सभा में रमेश सिंह कनवाल एवं केसर सिंह बिष्ट को अपनी तहसीलों में अखिल भारतीय समानता मंच की कार्यकारिणियों के गठन व संचालन की जिम्मेदारी दी गई।
इससे पूर्व सभा में वक्ताओं ने जातवादी आरक्षण के नाम पर कुछ समृद्ध संपन्न प्रभावशाली लोगों द्वारा खुद ही सपरिवार पीढ़ी दर पीढ़ी असल जरूरतमंदों को किनारे लगाकर उनका इस्तेमाल करके महज निजी लाभ उठाते जाने की प्रवृत्ति को आरक्षण की मूल अवधारणा के घोर खिलाफ बताया। तमाम सरकारों, दलों ,नेता बने हुओं, बनने वालों द्वारा ऐसी चालों को असल जरूरतमंद विपश्यना गरीबों शोषित वंचितों के हक को खाने का प्रयास बताया। कहा गया कि आरक्षण जाति के आधार पर न हो करके हर जरूरतमंद को शिक्षा योग्यता कौशल विकास के लिए मदद के तौर पर होना चाहिए। जातवादी आरक्षण के नाम पर पीढ़ी दर पीढ़ी फायदा खुद उठाते जा रहे लोगों में से कोई भी एक आज तक सामान्य नहीं बन सका, न ही असल विपन्न भाई बहिनों, लोगों को इससे कोई सार्थक लाभ मिल पाया है। न समाज , जनता या राजनैतिक, सेवा संवर्गों की गुणवत्ता को इसका कोई लाभ मिला। ऐसा भरपेटों का पोषक और कुर्सीवोटभकतों के गठजोड़ का कुपरिणाम है कि आज जातगत आरक्षण विरोधी योजनाएं केवल कुछ ही संपन्न तथा कुर्सी भोट जुगाड़ भकतों- प्रेमियों के निजी हिसाब का साधन बन चुके हैं। इसका देश, समाज, जनता, योग्यता,युवा, बेरोजगारों, अभिभावकों, कार्यकुशलता, वरिष्ठता से कुछ भी लेना देना नहीं है। यह सत्ता तथा मुफत नौकरी, प्रमोशन, वजीफों, योजनाओं के भूखे कुछ लोगों के गठजोड़ का एक औजार मात्र बन कर रह गया है। असल विपन्न, असहाय किसी भी नागरिक को इससे कोई लाभ नहीं है और सेवा, जनसेवा, नीतियों के निर्धारण में यह राजनैतिक , सरकारी, दलीय जातवाद, वोटहिसाबवाद , बिन जांच झूठी शिकायत पर ही गिरफ्तारी, सरकारी प्रोत्साहन और इस पर लाखों का पुरस्कार वाला एक्ट बनाने की मंशा देश प्रदेश और सामान्य अपिव नागरिकों, उनके समाज आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ा व भयानक सुनियोजित आघात है।
बैठक में देश प्रदेश के सभी तरह के नियम कानून एक देश ,एक समान नागरिक और सबके लिए एक समान विधान के बनाकर उसके तहत किए जाने की मांग सभी संबंधितों से की गई। अखिल भारतीय समानता मंच की मांग पर आज तक भी सेवारत हम और सेवानिवृत्त कार्मिकों का ही धन लेकर उनके लिए कैशलेस ओपीडी दवाएं, जांचें, सुविधाएं न किए जाने , सीधे सीधे पुरानी पैंशन योजना बहाल करने के बजाय महज नौटंकीबाजी रचाने, आम जनता अभिभावकों के बच्चों को जाति धर्म के कारण नौकरी -प्रवेश -पढ़ाई – वजीफे – हर तरह की छूटों और अवसरों से आज 70 से भी अधिक वर्षों तक मूल संविधान द्रोही तमाम दलदलों, नोतातोताओं, समर्थकों द्वारा वंचित ही किए जाने , तमाम योजनाओं में जातिवाद को ही केन्द्र बनाए रखने और बजट में स्वर्ण समुदाय के लिए एक पैसा तक आवंटित न करने वाले सभी समाज व भारत माता से उदासीन कुर्सीभकत खेमों, परबुद्धियों की निन्दा की गई। वक्ताओं ने एक देश तो एक सा सरकारी- दलीय विधान क्यों नहीं पर सवाल उठाए। समानता मंच की बारंबार मांग के बाद भी अभी तक तमाम दलों, नेताओं, सरकारों द्वारा संवैधानिक अधिकार वाले शक्ति संपन्न सवर्ण आयोग, सवर्ण विंग गठित तक न करने पर उन सबको अपनी कुर्सी- वोटनिष्ठा के बजाय एक देश , हर मसले पर एक विधान पर विचार और काम करने की अपील रखी गई। पूरे देश प्रदेश और समाज हित में पुरानी पैंशन योजना, हर जात वर्ग मजहब के लोगों के लिए एक समान विधान और योजनाएं रखे जाने,जातपरक विधान बंद किए जाने की सभी दलों व सरकारों से मांग की गई।
सभा में सी एस नैनवाल, पीएस बोरा, भगवन्त सिंह रावत, पंकज कुमार जोशी, रमेश सिंह कनवाल, केसर सिंह बिष्ट, के पी जोशी, अखिल भारतीय समानता मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष पी सी तिवारी, तारा सिंह बिष्ट हिमांशु जोशी , अभय नारायण सिंह ,राजेश कुमार डालाकोटी, जी डी चबडाल, शशि मोहन पांडेय, केवल आनंद जोशी शिक्षा, आर ई एस, ग्राम्य विकास विभाग, शिक्षा विभाग, कलेक्ट्रेट, सामाजिक संगठनों, एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल , कृषि, स्वास्थ्य,, ग्राम विकास अधिकारी,का. उप परियोजना निदेशक, सानिवि, आदि तमाम विभागों के कार्मिकों और सामान्य अपिव समुदाय के अनेक लोगों ने पूरे समय प्रतिभाग किया।
जल्द ही सभी तहसीलों में तहसील स्तर की इकाइयों का गठन करने ऐसे निर्भीक समाज और देशहितैषी सभी नागरिकों से बढ़-चढ़कर आगे आने का अनुरोध किया गया। बैठक में घर-घर जनसंपर्क के लिए टीम बनाकर आगे कार्य करने का निश्चय किया गया। जिला कार्यकारिणी की अगली बैठक जल्द ही सुनिश्चित की जाएगी।