हिमनगरी के जंगलों में मौज मस्ती अब नहीं कर सकते ,खाना पकाना, शराब पीना, साउण्ड सिस्टम लगाया तो खैर नहीं दस हजार रुपए का लगेगा दंड ,वन विभाग, पुलिस करेगी चैंकिंग

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सांकेतिक चित्र

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मुनस्यारी: खबरदार! हिमनगरी के जंगलों में अब आग जलाकर भोजन पका कर मौज मस्ती करना महंगा साबित हो सकता है। अगर आपने ऐसा किया तो दस हजार रुपए दंड देना पड़ सकता है। जिपंस जगत मर्तोलिया ने इसके लिए पुलिस तथा वन विभाग को पत्र लिखकर जंगलों में सघन चैंकिंग अभियान चलाने को कहा है।
हिमनगरी के आस पास के वन पंचायत तथा रिजर्व वन क्षेत्र में आग जलाकर खाना पकाने का फैशन बढ़ता जा रहा है।
इससे जंगलों में अराजकता का माहौल बनता जा रहा है। शराब पीकर हुड़दंग मचाने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही है। इससे टूरिस्ट क्षेत्र के भीतर सामाजिक माहौल खराब होता जा रहा है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि स्थानीय नागरिक हो या टूरिस्ट किसी को भी जंगल में आग जलाकर भोजन बनाने की कोई भी इजाजत नहीं है। जंगल में साउण्ड सिस्टम लगाकर नाचने तथा गाने की भी कोई अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि पैकट लंच के साथ ईको टूरिज्म का आनंद उठाने वाले स्थानीय नागरिकों तथा टूरिस्टों को शुल्क देकर ही जंगल क्षेत्र में घुसने दिया जाएगा।
जिपंस मर्तोलिया ने बताया कि वन विभाग तथा पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठकर शुल्क पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जंगल में पिकनिक के बहाने शराब पीकर हुड़दंग मचाया जा रहा है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि टूरिज्म में सभ्यता लाने के लिए स्थानीय आधार पर यह अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक तथा प्रभागीय वनाधिकारी को इस संदर्भ में पत्र लिखकर इस नवीन प्लान को धरातल पर लाने के लिए अपने महातत अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करने की मांग की। कहा कि सामाजिक कुरीतियां पर अंकुश लगाने के लिए समाज को भी आगे आना चाहिए।