21सितंबर से खुलेंगे प्राइमरी स्कूल,तीन घंटे चलेंगी कक्षाएं,लंच बाॅक्स लाने की मनाही, शिक्षा सचिव ने की SOP जारी
कोविड- 19 संक्रमण के दृष्टिगत विद्यालयों में संक्रमण न फैले इसे देखते हुए छात्रों के स्वास्थ्य एवं जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने हेतु मार्च, 2020 से विद्यालय भौतिक पठन-पाठन हेतु बन्द रखे गये हैं। विद्यालयों के बन्द रहने से विभागीय स्तर से यथासंभव प्रयास (यथा ऑनलाइन / ऑफलाइन शिक्षण अधिगम) किये जाने के बाद भी बच्चों के सीखने के प्रतिफल (Learning Outcomes) प्राप्त नहीं किये जा सके, जिससे अत्यधिक अधिगम ह्रास (Learning Loss) हुआ है। वर्तमान में प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर कोविड संक्रमण के प्रसार में कमी के दृष्टिगत शासन स्तर पर निर्णय लिया गया है कि प्राथमिक स्तर पर भी विद्यालयों में भौतिक पठन-पाठन प्रारम्भ किया जाय।
आप भिज्ञ हैं कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेश संख्या 40-3/ 2020 – डी०एम०- 1 (ए) दिनांक 30 दिसम्बर, 2020 एवं शिक्षा मंत्रालय (स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग) भारत सरकार के पत्र F.No. 11-16/2020 SCH.4 दिनांक 05.10.2020 द्वारा विद्यालयों को खोले जाने के सम्बन्ध में (SOP) Standard Operating Procedure जारी की गई है। इसी क्रम में शासनादेश संख्या 463 / XXIV B-5 / 2020-3 (1) 2020 दिनांक 24.10.2020 द्वारा डे-स्कूलों के लिए उत्तराखण्ड राज्य की SOP जारी की गई है।
उक्त के क्रम में छात्रहित में शासन स्तर पर सम्यक विचारोपरान्त मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि प्रदेश में संचालित समस्त प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाओं का भौतिक रूप से पठन-पाठन दिनांक 21 सितम्बर, 2021 (मंगलवार) से निम्नलिखित प्रतिबन्धों के अधीन प्रारम्भ किये जाने की अनुमति प्रदान की जाती है:
1. विद्यालय खोले जाने से पूर्व समस्त कक्षाओं, पुस्तकालय, शौचालय, पेयजल, किचन-कम-स्टोर आदि ऐसे स्थलों जहाँ पर छात्र-छात्राओं का भौतिक रूप से आवागमन होता हो, उन्हें भली भाँति सेनेटाईज किया जाये। विद्यालयों में सेनेटाईजर, हैण्डवाश, थर्मलस्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय तथा छात्र-छात्राओं को हैण्ड सेनेटाईज / थर्मल स्कैनिंग कराने के पश्चात ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाय। विद्यालयों के वाशरूमों में एन्टीसैप्टिक लिक्विड हैंडवाश की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाय शिक्षण संस्थाओं में बच्चों के पीने के पानी का स्थल भी भली
भाँति स्वच्छ रखते हुये पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाय। ध्यान रहे कि ऐसे स्थलों पर छात्र छात्रायें एक साथ एकत्रित न हों। इस हेतु कक्षावार अन्तराल नियोजित किया जा सकता है।