रानीखेत बाल लेखन कार्यशाला का समापन,बाल कवि सम्मेलन में बच्चों ने सुनाई स्वरचित कविताएं,नुक्कड़ नाटक मोबाइल टनटनाटन की शानदार प्रस्तुति
रानीखेत- अल्मोड़ा से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी तथा रानीखेत किताब कौतिक आयोजन समिति के संयुक्त तत्वावधान में कैंट इंटर कालेज रानीखेत में आयोजित बाल लेखन कार्यशाला के समापन समारोह में 62 बच्चों द्वारा बालप्रहरी, बाल मन, बाल संस्कृति, बाल संस्कार, बाल कृति, बाल मन आदि नामों से तैयार हस्तलिखित पुस्तकों की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। बच्चों ने नुक्कड़ नाटक ‘मोबाइल टनटना टन’ तथा गीत नाटिका ‘कुदरत का विज्ञान’ प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने सभी प्रतिभागी बच्चों को बैज लगाकर सम्मानित किया। बच्चों ने औरैगैमी के तहत अखबार से बनाए मुकुट अतिथियों को पहनाएं। अतिथियों ने डॉ. भुवनचंद्र पांडेय द्वारा संपादित हस्तलिखित पत्रिका‘रानीखेत दर्पण’ तथा दीवार पत्रिका ‘रानीखेत दर्पण’ व बाल दर्पण का लोकार्पण किया।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. अनिल जोशी ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि गैर शैक्षणिक गतिविधियां कहीं न कहीं बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अध्यक्षीय भाषण देते हुए छावनी इंटर कालेज रानीखेत के प्रधानाचार्य ललित मोहन आर्य ने कहा कि रानीखेत में किताब कौतिक का आयोजन एक अच्छी पहल हैं। उन्होंने कहा कि किताब कौतिक में जहां देश -विदेश के प्रतिष्ठित रचनाकारों की पुस्तकें होंगी वहीं रानीखेत के छोटे-छोटे बच्चों द्वारा तैयार हस्तलिखित पुस्तकों की प्रदर्शनी सबके लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी।
किताब कौतिक आयोजन समिति के हेम पंत ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि अभी तक टनकपुर, बैजनाथ, चंपावत,पिथौरागढ़, भीमताल,द्वाराहाट नानकमत्ता,हल्द्वानी में किताब कौतिक का आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने रानीखेत के स्कूलों, अभिभावकों तथा बच्चों से समय निकालकर किताब कौतिक में सहभागिता की अपील की । रानीखेत किताब कौतिक आयोजन समिति के अध्यक्ष विमल सती ने अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों द्वारा तैयार हस्तलिखित पुस्तक, हस्तलिखित पत्रिका तथा दीवार पत्रिका में व्याकरण की कई अशुद्धियां हो सकती हैं। इन अशूद्धियों पर अलग से चर्चा की जा सकती हैं। बच्चों द्वारा तीन दिन में हस्तलिखित पुस्तक के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति दी गई है। दो नुक्कड़ नाटक तथा दो समूह गीत प्रस्तुत किए गए हैं। इसके लिए बच्चों के प्रयास की सराहना की ही जानी चाहिए।
इस अवसर पर कार्यशाला के मुख्य संयोजक तथा बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने ‘पी पीं पीं पीं पीं’ की कहानी सुनाई। उन्होंने कहानी के माध्यम से बच्चों से सीधे संवाद भी किया। समूचे कार्यक्रम का संचालन राजकीय बालिका इंटर कालेज ताड़ीखेत की कक्षा 8 की छात्रा प्रियंका आर्या ने किया। समारोह को सी.एस.जैन, राजेंद्र पंत, वीना जैन, हेम पंत, विमल सती, अमित पांडे आदि ने भी संवोधित किया। मुंबई की फिल्म अभिनेत्री वान्या जोशी के सौजन्य से बच्चों को प्रमाण पत्र तथा राजेंद्र पंत के सहयोग से बच्चों को फल वितरित किए गए। इस अवसर पर डॉ. भुवनचंद्र पांडे, अर्चना पंत, अनुजा फर्त्याल,अमित पांडे, दीक्षा जोशी , दीपचंद्र त्रिपाठी, रमा नेगी,संगीता वर्मा,विनीता लोहनी, चेतना मटेला आदि उपस्थित थे। 5 दिवसीय कार्यशाला में सिटी मांटेसरी स्कूल,राजकीय बालिका इंटर कालेज ताड़ीखेत ,केंट इंटर कालेज रानीखेत, जीजीआईसी रानीखेत,केंद्रीय विद्यालय रानीखेत,वीर शिवा पब्लिक स्कूल,विवेकानंद विद्या मंदिर रानीखेत तथा आर्मी पब्लिक स्कूल रानीखेत के 62 बच्चों ने भागीदारी की। सर्वश्री सी.एस. जैन, डॉ. भुवनचंद्र पांडे, वीना जैन गायत्री राजौरिया, रश्मि तिवारी,मीनाक्षी उप्रेती, हिमानी सुयाल, नरेश चंद्र डोबरियाल आदि ने बतौर संदर्भदाता कार्यशाला में बच्चों का मार्गदर्शन किया।कार्यशाला में बच्चों ने रानीखेत दर्पण, बाल संसार तथा बाल दर्पण नाम से दीवार पत्रिका भी तैयार की।