रानीखेत बाज़ार की ऊपरी सड़क पर खड़े वाहनों पर नोटिस चस्पा करने से व्यवसायियों में नाराज़गी, नोटिस क्या वाकई छावनी परिषद ने चस्पा किए,या किसी की शरारत, नोटिस देख उठे सवाल
रानीखेत – रानीखेत कोतवाली के ऊपरी हिस्से से गुजरने वाली सड़क पर खड़े वाहनों पर छावनी परिषद द्वारा वाहन हटाने का नोटिस चस्पा किए जाने से होटल , रेस्टोरेंट व्यवसायियों और आम व्यापारियों में आज नाराज़गी देखी गई। वहीं, क्या ये नोटिस छावनी परिषद ने ही चस्पा कराएं हैं या किसी की शरारत है?इसपर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
नरसिंह मैदान से हाइडिल को जाने वाली सड़क पर खड़े दर्जनों वाहनों पर छावनी परिषद द्वारा सार्वजनिक सड़क से अविलम्ब वाहन हटाने का नोटिस चस्पा किए जाने से व्यवसायियों में नाराज़गी है। व्यवसायियों का कहना है मुख्य बाजार में वाहनों का अतिरिक्त दबाव होने के कारण जाम की समस्या से बचने के लिए रानीखेत के आस पास से खरीदारी के लिए आने वाले लोग ऊपरी सड़क पर वाहन खड़ा कर सरस्वती स्कूल और बहूद्देशीय भवन वाले पद मार्गों से बाजार आते हैं। जिससे बाजार में भी वाहनों का अतिरिक्त बोझ कम रहता है। लेकिन छावनी परिषद द्वारा ऊपरी सड़क पर तरतीब से खडे़ वाहनों पर नोटिस चस्पा करना न्याय संगत नहीं है ,इससे पहले से ही मंदी की मार झेल रहे रानीखेत बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उनका कहना है कि नगर में पहले ही पार्किंग का अभाव है , पहले परिषद पार्किंग स्थल की व्यवस्था करे, तब तक ऊपरी सड़क पर अस्थाई रुप से वाहन खड़े करने की अनुमति दिए जाने की मांग प्रशासन से की गई है।
इधर वाहनों पर चस्पा नोटिस में वाहनों को सार्वजनिक स्थानों से हटाने को कहा गया है ऐसा न करने पर छावनी परिषद द्वारा कार्रवाई अमल में लाने की बात कही गई है। नोटिस में आज्ञा से मुख्य अधिशासी अधिकारी लिखा गया है लेकिन मजेदार बात है अधिकारी के हस्ताक्षर,नाम व मोहर गायब है,ऐसे में यह भी चर्चा है कि ये नोटिस किसी ने शरारतन तो नहीं लगा दिए।माजरा क्या है?यह छावनी परिषद ही बेहतर बता सकती है।