तो क्या भर्ती घोटालों के कारण अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा से युवाओं का उठने लगा विश्वास? आज पुलिस दूरसंचार विभाग की लिखित परीक्षा में 54 फीसदी युवा ही हुए शामिल

ख़बर शेयर करें -

डा.कैलाश अन्डोला

भर्ती घोटालों के लिए बदनाम हो चुके उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा से युवाओं का विश्वास उठने लगा है। ऐसा आज रविवार को आयोग की ओर से आयोजित पुलिस दूरसंचार विभाग की लिखित परीक्षा में देखने को मिला। इसमें मात्र 54 फीसद युवा ही शामिल हुए।

इस परीक्षा के लिए 43984 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें सभी को प्रवेश पत्र जारी किए गए थे। इनमें 39884 ने ही प्रवेश पत्र डाउलोड किए। वहीं, 23462 ने ही लिखित परीक्षा दी। इस प्रकार पांच जिलों में बनाए गए 101 केंद्रों में 54 फीसद छात्र ही परीक्षा देने पहुंचे। यानि की 46 फीसद युवाओं ने परीक्षा ही नहीं दी। ऐसे में कम छात्रों के परीक्षा में शामिल होने से साफ हो गया है कि आयोग की परीक्षाओं पर अब युवाओं का विश्वास उठ चला है। क्योंकि परीक्षाओं में बार बार घोटाले उजागर हो रहे हैं। इन घोटालों को लेकर विपक्षी दलों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल सहित कई संगठन भी सरकार को बार बार घेर रहे हैं।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी दे चुके हैं ये बयान
उत्तराखंड अधीनस्थ चयेन सेवा आयोग की परीक्षाओं में हर बार घोटालों की बात सामने आती है। पिछले साल हुई स्नातक स्तर की परीक्षा में गड़बड़ी का हाल ही में खुलासा हुआ था। इस पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी बड़ा बयान दिया था। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा था कि रिश्वतखोर नई पीढ़ी के युवाओं के सपनों से अत्याचार कर रहे हैं। उन्होंने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि यह सीधे-सीधे हमारी नई पीढ़ी के साथ मजाक और अत्याचार है। कहा कि कुछ कुछ शार्ट कट चलने वाले व रिश्वत खोर लोग हमारी भर्ती एजेंसी को कहीं न कही प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं उसके बारे में विचार करने की आवश्यकता है.