कांग्रेस ने कहा कि विधायक छावनी सिविल एरिया के नगर पालिका में विलय प्रस्ताव के नाम पर गाल बजाना बंद करें, पूर्ण नगर पालिका हरीश रावत द्वारा डाली गई नींव पर खड़ी होगी
रानीखेत– कांग्रेस कमेटी रानीखेत की यहां हुई बैठक में क्षेत्रीय विधायक पर छावनी परिषद से सिविल एरिया को पृथक कर नगर पालिका में विलय के प्रस्ताव के नाम पर झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाया गया।साथ ही राज्य कैबिनेट द्वारा इस मामले में सैद्धांतिक सहमति जताने पर नागरिकों और रानीखेत विकास संघर्ष समिति बधाई दी है। कहा कि पूर्व विधायक करन माहरा और पूर्व सीएम हरीश रावत की खींची लकीर पर ही रानीखेत-चिलियानौला पूर्ण नगर पालिका का सपना साकार होकर बैठेगा।
बैठक में वर्तमान भाजपा विधायक से स्पष्टीकरण चाहते हुए कहा गया कि वे कह रहे हैं उन्होंने मार्च 2023 में मुख्यमंत्री से प्रस्ताव पास करने का अनुरोध किया था। ये कैसा अनुरोध है जिसे मुख्यमंत्री दस माह बाद स्वीकार कर रहे हैं? जबकि सच्चाई यह है कि छावनी परिषद से सिविल एरिया को मुक्त करने का प्रस्ताव कैबिनेट के एजेंडे में रखा ही नहीं गया केवल कैबिनेट ने इस पर सैद्धांतिक हामी भरी है। भारत सरकार को प्रस्ताव पास करके नहीं भेजा है।
बैठक में कहा गया कि धामी कैबिनेट ने मात्र सैद्धांतिक स्वीकृति देकर एक चुनावी जुमला लोकसभा 2024 के चुनावों के चलते वोटों की राजनीति के लिए किया है। जब एजेण्डे में छावनियों का प्रस्ताव शामिल ही नहीं था तो प्रस्ताव पास होने की बात निराधार है। कहा कि कि इससे पहले भी भाजपा सरकार 2011 में जिले की घोषणा कर मिष्ठान वितरण कर पोस्टर बैनर लगा चुकी है। जो बाद में रानीखेत वासियों के साथ छलावा मात्र निकला।
बैठक में कहा गया कि पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रानीखेत की जटिल समस्या का समाधान करते हुए रानीखेत छावनी के सिविल एरिया को छावनी से पृथक करने के लिए निकटवर्ती रानीखेत-चिलियानौला नाम से एक नगरपालिका का गठन कर रानीखेत वासियों को नगरपालिका की सौगात सौंपी, जिस कारण आज रानीखेत छावनी के सिविल एरिया को नगरपालिका में समायोजित करने की उम्मीद जगी है।
कहा कि वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री पर जिस अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उनके संज्ञान में लाना चाहते हैं जिस नगरपालिका के अन्तर्गत मल्टीस्टेारी पार्किंग का उद्घाटन किया गया है वह किसकी देन है? साबित होता है कि वर्तमान विधायक ओछी राजनीति कर रानीखेत की जनता को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।
बैठक में कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी सरकार में रानीखेत के व्यवसाय एवं अन्य कईं स्रोतों को संजोने का प्रयास किया। जिसमें पूर्व विधायक करन माहरा ने पूरे उत्तराखण्ड में सबसे पहले विधायक निधि से ट्यूबवेल लगा कर रानीखेत वासियों की पानी की समस्या का निदान किया। इसी क्रम में हरीश रावत ने अपनी सरकार में रानीखेत शहर को वर्ष 2014-15 में 3 ट्यूबवेल देने का कार्य किया एवं रानीखेत के खेल प्रेमियों की कईं वर्षों से चली आ रही स्टेडियम की मांग को पूर्व विधायक करन माहरा के अथक प्रयासों से हरीश रावत की सरकार में कैबिनेट से पास करा कर स्थलीय चयन से लेकर स्टेडियम का कार्य प्रारम्भ करने हेतु विभागीय टोकन मनी 10 करोड़ रूपया आवंटित भी कर दिया था। जिसे भाजपा सरकार के आते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वर्तमान विधायक अपनी ओछी राजनीति छोड़ स्टेडियम के लटके हुए मामले को अपनी ‘‘डबल इंजन’’ की सरकार में पूर्ण करवाने का काम करें। वर्तमान विधायक ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत व पूर्व विधायक करन माहरा के विकास कार्यों पर टिप्पणी कर अपनी ओछी राजनीति का परिचय दिया है। पूर्व विधायक करन माहरा द्वारा अपने कार्यकाल में जितनी भी सड़कों को वनभूमि हस्तान्तरण कर विधिवत सैंद्धातिक पर में स्वीकृत करा कर गये थे उसकेे अलावा किसी भी रोड का वर्तमान विधायक प्रस्ताव तक नहीं बना पाए हैं। यह उनके ‘‘उद्घाटनजीवी’’ होने का प्रमाण है। रानीखेत विधानसभा में मशहूर ‘‘उद्घाटनवीर’’ दूसरों को नसीहत देना बंद करें।
कहा गया कि कांग्रेस उनके द्वारा दिये गये बयानों की कठोर शब्दों में निन्दा करती हैं और आगाह भी करती है कि वर्तमान विधायक अपनी गलत बयानबाजी से बाज़ आएं अन्यथा आने वाले समय में रानीखेत की जनता उनको सबक सिखाने का काम करेगी।
बैठक में कहा गया कि सरकार ऐसे हवाई प्रस्तावों के बजाय विधिवत तरीके अपनाते हुए रानीखेत नगरपालिका का प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार को भिजवाए। कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार की सदबुद्धि के लिए प्रार्थना करती है कि वो सही तरीके अपनाए केवल वोटों की राजनीति तक सीमित न रहे।
बैठक में पीसीसी सदस्य कैलाश पांडे, महिला जिलाध्यक्ष गीता पवार, महिला नगर अध्यक्ष नेहा साह माहरा, पूर्व जिलाध्यक्ष महेश आर्या, ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल सिंह देव, वरिष्ठ कांग्रेसी देवेंद्र लाल साह, अगस्त लाल साह, विश्व विजय सिंह माहरा, कॉर्डिनेटर कुलदीप कुमार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रह्लाद सिंह, हेमंत बिष्ट, गोपाल, सुरेंद्र पवार आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।