पैंशनर्स का धरना 50 वें दिन भी जारी, 18 अक्टूबर को सभी विकासखंडों के पैंशनर्स इकट्ठा होकर बनाएगें आगे की रणनीति
भिकियासैंण :-यहां तहसील मुख्यालय पर पैंशनर्स का धरना आज 50वें दिन में प्रवेश कर गया ।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज स्याल्दे विकासखंड के पैशनर्स धरने पर बैठे। आज पैंशनर्स में कल हुई कैबिनेट बैठक में गोल्डन कार्ड मुद्दे पर चर्चा न होने से आक्रोश देखा गया। आन्दोलनकारियों का कहना था कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ने कल हुई कैबिनेट की बैठक में गोल्डन कार्ड के मुद्दे का समाधान करने का भरोसा दिया था परन्तु उनका वादा झूठा साबित हुआ।
वक्ताओं ने कहा कि इससे पहले 24 सितम्बर को हुई कैबिनेट की बैठक में भी इस मुद्दे को हल करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन तब भी आश्वासन झूठा साबित हुआ था इससे स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार के सभी वादे झूठे हैं। संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि, पूरे देश में उत्तराखंड ही पहला प्रदेश है जहां सीनियर सिटीजन से गोल्डन कार्ड के नाम पर टैक्स वसूला जा रहा है उन्होंने कहा सरकार ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को अवैध वसूली का अड्डा बना रखा है। उसमें अपने -अपने लोगों को रखा है। प्राधिकरण में रुपयों की बन्दर बांट हो रही है। केवल प्रचार प्रसार के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि, प्राधिकरण की वर्षगांठ पर ही साठ लाख खर्च किए गए। क्षतिपूर्ति के नाम पर 55 करोड़ रुपए दिए गए। साधारण पैंशनर्स और कर्मचारियों को प्रदेश के अन्दर इलाज नसीब नहीं हो रहा है जबकि ऊंची पहुंच रखने वाले लोगों का इलाज देश के किसी भी बड़े अस्पताल में हो जा रहा है। अभी तक 43 लोगों का इलाज प्रदेश से बाहर बड़े -बड़े अस्पतालों में हो चुका है। उन्होंने कहा पहली बार ऐसा झूठा शासनादेश देखने को मिला है। आन्दोलन की रणनीति बनाने के लिए सभी विकासखंडों की एक बड़ी बैठक 18 अक्टूबर को बुलायी गई है जिसमें आन्दोलन की रुपरेखा तय की जाएगी। उन्होंने कहा हमारा यह ऐतिहासिक आंदोलन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। आज पूरे प्रदेश में पैंशनर्स आन्दोलरत है अभी तक ऐसा आन्दोलन कहीं देखने को नही मिला है। उन्होंने कहा जब तक गोल्डन कार्ड के नाम पर कटौती बन्द नहीं होती और अभी तक वसूली गई धनराशि मय ब्याज वापस नही हो जाती हमारा आन्दोलन चलता रहेगा। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि,नौ महीने से अभी तक गोल्डन कार्ड बने नहीं हैं कटौती किस चीज की हो रही है । शासनादेश में त्रिस्तरीय शिकायत निवारण समिति बनाने की बात लिखी है लेकिन अभी तक ऐसी कोई समिति अस्तित्व में नहीं है। पैंशनर्स व कर्मचारियों के लिए औषधालय व डाइग्नोस्टिक सेन्टर चिन्हित किए जाने थे कहीं भी कोई ऐसे सेन्टर चिन्हित नहीं किए गए हैं। बैठक में सभी वक्ताओं ने मांग की कि प्राधिकरण के खर्चों की किसी स्वतंत्र एजेंसी अथवा सीबीआई से जांच कराई जाए। बैठक को पूर्व प्रधानाचार्य गंगा दत्त जोशी, शोबन सिंह मावड़ी, मोहन सिंह नेगी, धनीराम टम्टा, प्रताप सिंह मनराल, अम्बादत बलौदी, राजेन्द्र सिंह मनराल, कुन्दन सिंह बिष्ट, कुन्दन सिंह ऐराडी, कमल नाथ गोस्वामी, बालम सिंह बिष्ट, मोहन सिंह बिष्ट, देबी दत्त लखचौरा, यू डी सत्यबली, प्रवीण सिंह कड़ाकोटी, बालम सिंह रावत, गंगा दत्त शर्मा, मोहन सिंह नेगी, आनन्द प्रकाश लखचौरा, रमेश चंद्र सिंह बिष्ट, राम सिंह बिष्ट,देब सिंह बंगारी, देब सिंह घुगत्याल, आदि लोगों ने सम्बोधित किया धरना स्थल पर आन्दोलनकारियों ने प्रेरणादायक जन गीतों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।