लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों की अस्थि कलश यात्रा रानीखेत के नानीसार पहुंची,हत्याकांड में शहीद किसानों को दी गई श्रद्धांजलि

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रानीखेत (अल्मोड़ा)। लखीमपुर खीरी हत्याकांड में शहीद हुए किसानों की अस्थि कलश यात्रा लखीमपुर खीरी से रानीखेत के द्वारसौं स्थित नानीसार पहुंची। उपपा केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी के नेतृत्व में किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ देश के किसानों से ही नहीं वरन पहाड़ के लोगों से बैर निकाल रही हैं।

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उन्होंने कहा कि पिछले 21 सालों में राज्य बनने के बाद पहाड़ की खेती किसानी को सुनियोजित ढंग से बर्बाद करने वाली पार्टियां और सरकारें पूंजीपतियों और भू माफियाओं से लगातार कृषि भूमि का सौदा कर रही हैं जिसके खिलाफ संघर्ष करना होगा। नानीसार बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष बिशन सिंह ने कहा कि नानीसार पिछले कई वर्षों से ज़मीन बचाने की लड़ाई को लड़ रहा है और सरकार लगातार माफियाओं को संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि तानाशाही सरकार ने प्राकृतिक संसाधनों, कृषि जल जंगल ज़मीन सबसे क्षेत्रवासियों का अधिकार छीनकर पूंजीपतियों के हवाले कर दिया। कहा कि किसानों के संघर्ष में वह किसान आंदोलन के साथ हैं।

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पार्टी की सोमेश्वर विधानसभा प्रभारी किरन आर्या ने कहा कि किसान आंदोलन सिर्फ किसानों का आंदोलन नहीं वरन प्रत्येक नागरिक का आंदोलन है। उत्तराखंड छात्र संगठन की भारती पांडे ने कहा कि खुद को किसान हितैषी बताने वाली मोदी सरकार अभी तक भी हत्यारोपी के पिता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त नहीं कर पाई। यहां गोपाल राम, राजू गिरी, हीरा देवी, राजेंद्र सिंह, रूपा समेत अन्य लोग शामिल रहे।

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