इस बार अब तक किसानों को अदरक का बीज उपलब्ध नहीं करा पाया उद्यान विभाग, किसानों में मायूसी
रानीखेत : इस वर्ष उत्तराखंड के किसानों को मजबूर हो कर अदरक का अप्रमाणित बीज लगाना पड़ रहा है। अभी तक उद्यान विभाग द्वारा टेंडर प्रक्रिया जारी नहीं की गई है। जबकि पिछले वर्ष अप्रैल प्रथम सप्ताह में विभाग द्वारा अदरक का बीज उपलब्ध कराने के पश्चात किसानों ने बोआई भी शुरू कर दी थी।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं प्रगतिशील किसान राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया कि इस बार उद्यान विभाग द्वारा किसानों को अदरक का प्रमाणिक बीज उपलब्ध नहीं कराया गया है जबकि मार्च-अप्रैल का महीना बोआई का होता है इस बार बारिश होने से अदरक के लिए अनुकूल मौसम था। ऐसे में उद्यान विभाग के कुम्भकर्णी नींद सोने से किसान मायूस हैं।
श्री बिष्ट का कहना है कि गत वर्ष अदरक की खेती को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग की ओर से किसानों को 575 क्विटल अदरक का बीज सब्सिडी पर वितरित किया गया था । यह बीज किसानों को जिले के 36 उद्यान सचल दल केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया गया था। समय पर बीज उपलब्ध होने के बाद किसानों ने गत वर्ष समय रहते फसल की बोआई भी शुरू कर दी थी। लेकिन इस बार उद्यान विभाग की उदासीनता का खामियाजा किसान को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहते हैं वहीं समय पर बीज मिल नहीं रहा ऐसे में कैसे होगी किसानों की आय दुगनी में मुख्यमंत्री और सफेद हांथी बने बैठे उद्यान विभाग को बताना चाहिए।
ध्यातव्य है कि जिले के विभिन्न विकास खंडों में 412 हेक्टेअर में अदरक की खेती की जाती है। इस फसल की विशेषता यह है कि इसे बंदर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और इसकी फसल में अन्य फसलों की तुलना में कीट रोग का प्रकोप बहुत ही कम अथवा नहीं के बराबर होता है। जंगली जानवरों की ओर से अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाने के कारण भी अब किसान अदरक की खेती में रुचि दिखाने लगे हैं। दूसरा,खाद्यान्न फसलों की खेती में कम जोत व कम उपज मूल्य को देखते हुए किसानों का रूझान पिछले दो तीन साल से अदरक की खेती की ओर बढ़ रहा है। अदरक की खेती की एक विशेषता यह भी है कि इसे अधिक सिंचाई की भी आवश्यकता नहीं होती है। यह औषधीय युक्त कंद है। सर्दी, जुकाम के साथ ही खांसी में इसका उपयोग किया जाता है। इसके साथ-साथ यह बेहतर पाचक भी है। इसलिए पर्वतीय अंचल के किसान अब इसकी खेती में विशेष रुचि बढ़ा रहे हैं लेकिन प्रदेश का उद्यान विभाग किसानों के अदरक खेती के प्रति उत्साह पर पलीता लगाने पर तुला है।