बनभूलपुरा में आशियाना ध्वस्त होने के खौफ में जी रहे हजारों बाशिंदों ने आज सड़क पर बैठकर किया शांतिपूर्ण प्रदर्शन

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हल्द्वानी: उच्च न्यायालय के आदेश के बाद प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की तैयारियां शुरू की जा रही हैं वहीं अपना आशियाना ध्वस्त होने से खौफजदा हजारों की संख्या में बनभूलपुरा क्षेत्र के लोग आज सड़कों पर आ बैठे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।

उच्च न्यायालय नैनीताल के अंतिम आदेश के बाद अब यहां पर 78 एकड़ भूमि पर से 4385 अतिक्रमण हटाया जाना है. सभी तरह से कोशिश कर लेने के बाद अब जब हाईकोर्ट ने फाइनल निर्णय दे दिया है तो इसके बाद अब बनभूलपुरा के लोगों में सिर से छत छिन जाने के भय से यह लोग परेशान हैं और सड़कों पर आ गए हैं.

हजारों की संख्या में लोगों के सड़कों पर आने के बाद प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है और पहले से ही भारी मात्रा में फोर्स तैनात किया हुआ है वहीं बिजली विभाग तथा पेयजल विभाग को भी स्थिति से निपटने को तैयार रहने को कहा गया है. जिस तरह से रेलवे को यह भूमि खाली करने का आदेश हुआ है और प्रशासन से इसमें सहयोग करने के निर्देश मिले हैं उसके बाद कोर्ट के निर्देश के बाद प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है.

अतिक्रमण मामले ने अब ज़ोर पकड़ लिया है। जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन आज से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई शुरू करने जा रहा है तो दूसरी तरफ पीड़ित लोगों ने बनभूलपुरा क्षेत्र में सत्याग्रह शुरू कर दिया है

हज़ारों की तादाद में लोग धरना प्रदर्शन कर अतिक्रमण नहीं हटाए जाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने भी अपनी पूरी तैयारियों के साथ मौके पर मौजूद हैं।

वही रेलवे अतिक्रमण पीड़ितों के साथ विधायक सुमित हृदयेश, सपा प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी, सपा महासचिव शोएब अहमद व अन्य नेता शामिल रहे। लोगो का कहना है कि अगर हमारे घर उजाड़ दिए जाते हैं तो हम कहा जाएंगे, उनका कहना है पिछले कई दशकों से हजारों की संख्या में परिवार बसा हुआ है लेकिन आज उन को उजाड़ने का काम किया जा रहा है स्कूल में पढ़ रहे हमारे बच्चों का भविष्य भी खतरे में आ जाएगा।

लोगो का कहना है कि उजड़ने वाले लोगो में बच्चें, महिलाएं और बुजुर्ग भी काफी बड़ी संख्या में है, ऐसे हालात में वह लोग कहा अपने सिर को छुपाएंगे। इससे पहले आज भारी फ़ोर्स तैनात किया गया है

हजारों की संख्या में लोग बनभूलपुरा क्षेत्र में घरों से निकलकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए 4365 भवनों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। साथ ही प्रशासन व पुलिस से सहयोग करने के लिए कहा है।