सख्त छवि के सीएम योगी पैतृक गांव आकर आखिर क्यों हुए इतने भावुक? पलायन पर भी जतायी चिंता
यमकेश्वर: उ.प्र के सीएम योगी आदित्यनाथ को बेहद सख्त छवि का कठोर अनुशासक के तौर पर जाना जाता है लेकिन आज अपने पैतृक घरों में आकर वे भावनाओं के ज्वार में डूबते उतराते रहे। पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित अपने पैतृक गांव पंचुर में वे कई दफा भावुक नजर आए, खासकर अपने गुरू की प्रतिमा अनावरण के दौरान उन्हें याद करते हुए वे भावनाओं के बहाव में डूबते दिखे।
सीएम योगी बिथ्याणी में डिग्री कॉलेज परिसर में बनी अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। अपने महंत अवैद्यनाथ को याद करते हुए भावुक होकर योगी ने कहा कि महंत अवैद्यनाथ को बचपन में ही गांव छोड़ना पड़ा था। लेकिन, वह अकसर उनसे गांव में पढ़ाई के बारे में पूछा करते थे।गांव में स्कूल की पढ़ाई पर हमेशा वह अपडेट लेते रहते थे। योगी ने कहा उनका सपना साकार करने लिए गांव में महाविद्यालय का निर्माण किया गया है। योगी ने उत्तराखंड सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार ने महाविद्यालय निर्माण के लिए अहम भूमिका निभाई। सीएम योगी को प्राथमिक शिक्षा देने वाले छह शिक्षकों को भी उन्होंने सम्मानित किया।
सीएम योगी मंच से शिक्षकों का नाम लेते वक्त भी भावुक दिखे।उनकी आंखों में आंसू साफतौर से देखे जा सकते थे। वह कई बार भावुक भी हुए। उन्हाेंने कहा कि शिक्षकाें के मार्गदर्शन के बिना किसी व्यक्ति का विकास संभव नहीं हो पाता है। सीएम योगी ने उत्तराखंड से हो रहे पलायन पर गहरी चिंता जताई।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तराखंड का युवा हर क्षेत्र में लोहा मनवाता आ रहा है, ऐसे में पलायन पर रोक लगाना जरूरी है। कहा कि यह बहुत ही चिंता की बात है कि उत्तराखंड का युवा पढ़ाई व अन्य कारणों से पलायन को मजबूर है, जबकि उत्तराखंड में शिक्षा के कई अवसर मौजूद हैं। योगी ने कहा कि पलायन पर प्रहार करने के लिए जल जीवन मिशन के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हाेंगे। उनके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने से पलायन पर प्रहार करने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।