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मजखाली के लिए एक यादगार दिन था। मजखाली कसबे और आस पास के ग्रामीण बच्चों ने एक अनोखे मेले में भाग लिया। दिन भर के इस मेले में अनेक रचनात्मक खेलों के स्टॉल थे। इन खेलों ने बच्चों के मस्तिष्क को चुनौती दी और मनोरंजन भी किया। खेल शैक्षिणिक थे और क्रीड़ाएं मनोरंजक। अल्मोड़ा तक से आए हुए बच्चों ने बिना प्रतिस्पर्धा के भी रुचिपूर्वक सभी खेलों में भाग लिया। मेले का स्टार आकर्षण कठपुतली प्रदर्शन था।
इस मेले की कल्पना और निर्देशन मजखाली निवासी प्राची धारिया ने किया। उनका सहयोग मजखाली, रानीखेत, से लेकर मुंबई से आए कई मित्रों और परिवारजनों ने अपना कीमती समय और धन देकर किया। पर प्राची की कल्पना को कार्यान्वित करने में सबसे बड़ी सहायता श्री राजेंद्र सिंह अधिकारी ने की जो कि बीच मजखाली बाज़ार में स्थित होटल देवछाया के मालिक हैं। उन्होनें देवछाया के प्रांगण में मेले के लिए जगह दी। इस सुगम्य स्थान का मेले को सफल बनाने में बड़ा हाथ था।
24 जून २०२३ को २५० बच्चों ने मेले का मज़ा लिया। होटल देवछाया ने बच्चों के जलपान के लिए वैन की व्यवस्था की, जहाँ से बच्चे अपने पसंदीदा व्यंजन ले सकते थे। इस क्षेत्र में ग्रामीण बच्चों के रचनात्मक मनोरंजन के लिए कभी किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था ने नहीं सोचा। कुछ नागरिकों ने आपसी सहयोग से मजखाली और आसपास के गांव के बच्चों के लिए यह पहल की।
इस बार जून २३,२०२४ को यह मेला पुनः आयोजित है। पिछले साल के अनुभव के बाद इस बार की तैयारी और ज़ोरदार है। अनेक नए चुनौतीपूर्ण खेल और रोचक क्रियाओं का बच्चों को उत्सुकता से इंतज़ार है।