तीसरा बच्चा हुआ और सभासद की सीट से हाथ धोना पडा़

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उत्तराखंड के लक्सर से बडी़ खबर है। यहां एक सभासद को तीसरी संतान को जन्म देने के कारण अपने पद से हाथ धोना पडा़ है।गौरतलब है कि नियम के मुताबिक राज्य में स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधियों के लिए अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है।उक्त शासनादेश 2जुलाई 2002से लागू है।इसी का हवाला देते हुए शहरी विकास विभाग ने लक्सर नगर पालिका से वार्ड नंबर चार की सभासद नीता पांचाल को इसी पदच्युत कर दिया । दर असल 2018 में सभासद निर्वाचित नीता पांचाल ने तीसरी संतान को जन्म दिया है।

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गौरतलब है कि स्थानीय निकाय और पंचायतों के लिए उनीस साल पहले जारी हुए सरकारी गजट की शर्तों के मुताबिक 21 सितंबर 2003 के बाद से दो बच्चों से अधिक जीवित संतान होने पर कोई भी प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकता।

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इधर लक्सर में वार्ड चार की सभासद नीता पांचाल ने चुनावों के बाद तीसरी संतान को जन्म दिया। इसलिए उनके खिलाफ निर्वाचन की शर्त का उल्लंघन की शिकायत जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर के पास पहुंची। जिसके बाद एसडीएम लक्सर और नगर पालिका ईओ ने जांच की।जांच के उपरांत शिकायत सही पाए जाने पर शहरी विकास विभाग ने डीएम हरिद्वार की रिपोर्ट के आधार पर नीता पांचाल की सदस्यता समाप्त की। इस संबंध में सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली ने मंगलवार को आदेश जारी किए। नीता पांचाल लगातार दूसरी बार भाजपा के टिकट पर पार्षद निर्वाचित हुई हैं।