कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद ने पहाड़ के मुंह पर थप्पड़ मारा है , उनका आचरण अपराध की श्रेणी में, तुरंत हो गिरफ्तारी –तिवारी
रानीखेत :विधि आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष दिनेश तिवारी एडवोकेट ने ऋषिकेश में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा स्थानीय युवक सुरेंद्र सिंह नेगी के साथ दो दिन पहले की गयी मारपीट की निंदा करते हुए कहा है कि सुरेंद्र नेगी को मारा गया थप्पड़ पहाड़ के मुँह पर मारा गया थप्पड़ है .
कहा कि मंत्री महोदय का आचरण अपराध की श्रेणी में है और इस मामले में तत्काल एफआइआर हो जानी चाहिए थी और मंत्री से इस्तीफ़ा ले लिया जाना चाहिए था .कहा कि भारतीय संविधान की शपथ लेकर मंत्रालय संभालने वाले लोगों को इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि वह विधि के शासन को स्थापित करने और उसकी रक्षा करने के लिए उत्तरदायी हैं . कहा कि परिस्थितियाँ चाहे जो भी हों सरकार का आचरण विधि के विरुद्ध नहीं होना चाहिए . कहा कि भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली भारतीय संविधान से संचालित है और चुने हुए प्रतिनिधि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम और क़ानून से बँधे हैं . कहा कि इस तरह की घटनाओं से यह पता चलता है कि उतराखंड में राजनैतिक नेतृत्व परिपक्व नहीं हुआ है और सत्ता में क़ाबिज लोगों को कबीलायी मानसिकता से बाहर निकालने के लिये गहन राजनैतिक प्रशिक्षण की ज़रूरत है .
कहा कि एक मंत्री द्वारा मामूली सी बात पर सड़क पर मारपीट करना यह दर्शाता है कि उत्तराखंड राज्य में मंत्रियों को सार्वजनिक जीवन की महान परम्पराओं का न तो ज्ञान है और न ही एक मंत्री के रूप में संवैधानिक जिम्मदारियों का अहसास है . कहा कि ऋषिकेश भगवान विष्णु की कर्मभूमि और पवित्र गंगा नदी की नगरी है और भारतीय धर्म और ज्ञान परम्परा की यह दोनो ही पूज्य देव शक्तियाँ मर्यादा , कर्तव्य और लोक हित में अपना सर्वश्रेष्ठ समाज को समर्पित करने के लिए
अमर हैं .कहा कि योग और ऋषि मुनियों की पाक धरती में एक मंत्री का यह आचरण निंदनीय ही नहीं इस देव भूमि को शर्मशार करने वाला भी है .कहा कि उतराखंड राज्य में भी राजनैतिक नेतृत्व में अपराधी मनोवृत्तियों का बढ़ता प्रभाव बेहद चिंता की बात है और यह किसी भी लिहाज़ से शुभ संकेत नहीं है . कहा कि उतराखंड राज्य की मूल अवधारणा को सत्तारूढ़ पार्टियों ने बहुत ठंडे दिमाग़ से नष्ट कर दिया है और यह हिमालयी राज्य भी अपराधियों , लुटेरों की गिरफ़्त में चला गया है . कहा कि न्याय और लोकहित में यह ज़रूरी है कि मुख्यमंत्री धामी संबंधित मन्त्री के ख़िलाफ़ कठोर ऐक्शन लें और क़ानून के राज की अवधारणा को मज़बूत करें .