पैंशनर्स आंदोलन का 85 वें दिन में प्रवेश,कहा सरकार तानाशाही पर उतर आई है

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भिकियासैंण :तहसील मुख्यालय पर उत्तराखंड पैंशनर्स संगठन रामगंगा, भिकियासैंण का धरना आज 85 वें दिन भी जारी रहा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज स्याल्दे विकासखंड के पैंशनर्स ने धरना दिया। धरना स्थल पर आन्दोलनकारियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए और प्रेरणादायक जन गीतों के माध्यम से सरकार की आंख खोलने का प्रयास किया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रताप सिंह मनराल ने कहा कि, जनता यदि सरकार के किसी निर्णय से सहमत नहीं होती है, तो लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल जैसे जन आंदोलनों के जरिए सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर अपनी बात मनवाने का प्रयास करती है।इन्हीं जन आंदोलनों से हमें आजादी मिली और उत्तराखंड राज्य भी इसी जन आंदोलन से प्राप्त हुआ है लेकिन आज पैंशनर्स के आन्दोलन को 85 दिन हो गए हैं उधर किसान आंदोलन को एक साल पूरे होने को है। आज देश और प्रदेश में तानाशाह सरकारें काबिज हो गई है इन्हें जनता के सरोकारों से कोई लेना-देना नहीं है।

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संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी से सवाल किया है कि, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के नाम पर पिछले दस महीने से कटौती हो रही है परन्तु अभी तक 10 प्रतिशत लोगों के भी गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं और वर्तमान में इसकेे बनने की प्रक्रिया बन्द है। मुख्यमंत्री बताएं यह बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं किसको दी जा रही हैं ? पैंशनर्स और कर्मचारियों से वसूली गई धनराशि को कहा खपाया जा रहा है ? उन्होंने कहा कि हम सरकार के मंसूबे पूरे नहीं होने देंगे अवैध वसूली को बन्द कराकर ही दम लेंगे 28-29 नवंबर को गैरसैंण में विधानसभा का घेराव कर सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराएंगें।
उन्होंने सभी पैंशनर्स संगठनों से बढ चढकर भागीदारी करने की अपील की है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा आज़ समाचार पत्रों में प्रकाशित उनके बयान जिसमें कहा गया है कि उनकी सरकार आने पर वे पैंशन से कटौती बन्द कर देंगे, पर उनका आभार प्रकट किया।
बैठक को प्रताप सिंह मनराल, त्रिलोक सिंह पटवाल, उत्तम सिंह मेहरा, नारायण सिंह रावत, रमेशचंद्र सिंह बिष्ट, देब सिंह घुगत्याल, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ विश्वम्बर दत्त सती , गंगा दत्त जोशी, राजे सिंह मनराल, देबी दत्त लखचौरा, आनन्द प्रकाश लखचौरा, मोहन सिंह नेगी, गंगा दत्त शर्मा, किसन सिंह मेहता, कुन्दन सिंह बिष्ट, धनीराम टम्टा, बालम सिंह बिष्ट, मदन सिंह नेगी आदि लोगों ने सम्बोधित किया।

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