रानीखेत में पूर्व सीएम हरीश रावत ने की कालिका माता न्यावली देवी मूर्ति की स्थापना, पूर्व सैनिकों को किया सम्मानित
रानीखेत :- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कालका माता न्यावली देवी की मूर्ति स्थापना से पूरे क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी।पूर्व मुख्यमंत्री ने बतौर मुख्य अतिथि यहां घिंघारीखाल में कालका माता न्यावली देवी राष्ट्रीय मंदिर समिति की तरफ से न्यावली देवी की मूर्ति की स्थापना के दौरान यह बात कही।
श्री रावत ने कार्यक्रम में 55 पूर्व सैनिकों को सम्मानित करते हुए कहा कि पूर्व सैनिक देश और प्रदेश का गौरव हैं। उत्तराखंड वीरों की भूमि है। कालका माता न्यावली वाली देवी राष्ट्रीय मंदिर समिति के मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में मंदिर समिति और वाल्मीकि समाज की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक को सम्मानित भी किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, विशिष्ट अतिथि विधायक करन माहरा और ब्लाक प्रमुख हीरा रावत ने भी पूजा अर्चना में भाग लिया। मुख्य यजमान की भूमिका समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील भगत और बबली ने निभाई। जबकि पं. गोपाल ने मंत्रोच्चारण किया। मंदिर के पास ही सभा का आयोजन गया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मूर्ति स्थापना कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित करने के लिए वाल्मीकि समाज और समिति का आभार जताया। उन्होंने कहा कि माता की मूर्ति स्थापित होने से क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। इसके बाद चार दर्जन से अधिक पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया। रावत ने कहा कि पूर्व सैनिक देश और प्रदेश का गौरव हैं। 1962 का चीन युद्ध हो या 1971 का युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध में सैनिकों ने परचम लहराया। 1971 के युद्ध में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सैनिकों ने दुनिया का नक्शा बदल दिया था। विधायक करन माहरा ने वाल्मीकि समाज की समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया। यहां जागेश्वर के विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विधायक मदन बिष्ट, मनोज तिवारी, ललित फर्स्वाण, सल्ट से महिला नेत्री गंगा पंचोली सहित मंदिर समिति व वाल्मीकि समाज के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम को संबोधित किया। यहां सुरेंद्र भगत, चौधरी राकेश राजौरिया, जगदीश, बिल्लू, भगवती रिखाड़ी, राजेंद्र बाराकोटी, पीसीसी सदस्य कैलाश पांडे, अगस्त लाल, कांग्रेस नगर अध्यक्ष उमेश भट्ट, अर्जुन गोडियाल आदि मौजूद रहे।