पांडवखोली में धार्मिक मेला 14 दिसंबर को,महंत बलवंतगिरी की 28 वीं पुण्यतिथि पर होंगे धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम

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रानीखेत: महाभारत कालीन सभ्यता को संजोए पांडवों की शरणस्थली ‘पांडवखोली’ में धार्मिक मेला इस बार 14 दिसम्बर को होगा। ऐसे में आस- पास के तमाम गांवों के निवासियों और संस्कृति प्रेमियों में धार्मिक पर्यटन के लिहाज से बेहद उपयुक्त स्वर्गपुरी आश्रम की भीम की खातडी़ में महंत बलवंत गिरी जी महाराज की 28वीं पुण्यतिथि पर आयोजित होने जा रहे आकर्षक मेले व धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर खासा उत्साह है। इधर पथ भ्रमण संघ के सदस्यों की ओर से भी तैयारी पूर्ण कर ली गई है।

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शक्तिपीठ मां दूनागिरी धाम से करीब सात किमी दूर पौराणिक द्वारिका की सर्वाधिक ऊंची चोटियों में शुमार पांडवखोली की पहाड़ी धार्मिक उत्सव के लिए तैयार हो रही है। सोमवार 13 दिसम्बर 2021 से यहां धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। मंगलवार यानी 14 दिसंबर को पांडवखोली यानी स्वर्गपुरी में वर्षों तक तप करने वाले महंत बलवंत गिरी जी महाराज की 28वीं पुण्यतिथि पर नित्य पूजा कार्यक्रम,रूद्रीपाठ,हवन,पूर्णाहुति और भंडारा आयोजित होगा। साथ ही पूर्व वर्षों की भांति पांडु पुत्रों की विशेष पूजा अर्चना भी की जाएगी। इसके लिए दुर्लभ पाषाण प्रतिमाओं को रंगरोगन से संवारा जा रहा है।

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इस दौरान पर्यटको को इस इलाके में आकर्षित करने के उद्देश्य से राॅक क्लाइंबिग आदि साहसिक कार्यक्रम तथा तमाम खेल प्रतियोगिताएं भी होंगी। पथ भ्रमण संघ रानीखेत अध्यक्ष हरीश लाल साह ने बताया कि तैयारी पूर्ण कर ली गई है। ऐतिहासिक मैदान के साथ ही हिमदर्शन तथा योगाभ्यास को बने हवाई टॉवर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।उन्होंने बताया कि मेले में नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिंग से प्रशिक्षित इमरान जाफरी द्वारा रॉक क्लाइंबिंग सहित साहसिक खेलों का प्रदर्शन,संस्कृति विभाग एवं स्थानीय स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति, अलग -अलग उम्र के लोगों के लिए मनोरंजक खेल स्पर्धाएं,दिलचस्प व एंटिक वस्तुओं की प्रदर्शनी खास आकर्षण रहेंगी। प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।रात्रि विश्राम की मंशा से आने वालों के लिए साथ में कम्बल आदि लाना आवश्यक है। स्वर्गपुरी पांडवखोली में शराब लाना व पीना पूर्णरुप से वर्जित है।

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स्वर्गपुरी पांडवखोली का विहंगम दृश्य

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