राज्य की औद्यानिकी में लगातार भ्रष्टाचार पर कठोर कार्रवाई न होने के‌ विरोध में काश्तकारों ने किया सीएम आवास कूच

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देहरादून: राज्य की औद्यानिकी में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार पर कठोर कार्रवाई न होने और रामगढ़ राजकीय उद्यान की जमीन को सिडकुल को दिए जाने के विरोध में बागवानी काश्तकारों ने आज विभागीय निदेशक की कार्यप्रणाली सहित अन्य मांगों को लेकर सीएम आवास कूच किया।

दोपहर गांधी पार्क में एकत्रित बागवानी काश्तकारों ने हाथ में बैनर व तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। काश्तकार उद्यान निदेशक बावेजा व कृषि मंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन में महिलाएं काफी संख्या में मौजूद रही।

इसके अलावा अनिका ट्रेडर्स व रामगढ़ उद्यान की जमीन सिडकुल को दिये जाने का विरोध कर रहे थे। काश्तकारों ने आरोप लगाया कि कश्मीर से जो पौधे यहां मंगाए गए उन्हें क़वारन्टीन नहीं किया गया।

प्रदर्शनकारी एक स्वर में उद्यान निदेशक बावेजा के कार्यों की जांच की मांग के नारे लगा रहे थे। बाद में सीएम कार्यालय में श्री सेठी को ज्ञापन दिया। सीएम को संबोधित ज्ञापन में उद्यान विभाग के भ्र्ष्टाचार का उल्लेख करते हुए कई मांगों का जिक्र किया गया है।

प्रदर्शन में दीपक करगेती, बीरबान सिंह रावत,कौशल रावत, मनोज ध्यानी,अनूप पटवाल,दीपक ढौंडियाल, उत्तरा बहुगुणा,तारा पांडे,माया,दीपा, चंपा,कलावती, लीला, गोविंदी, खीमा देवीआदि मौजूद रहे। प्रदर्शन के दौरान पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा।

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ज्ञापन में निम्नवत मांगें रही-

सेवा में
मुख्यमंत्री महोदय
उत्तराखंड शासन ।

विषय – राज्य की औद्यानिकी में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार पर कठोर कार्यवाही न होने और रामगढ़ राजकीय उद्यान की जमीन को सिडकुल को दिए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री आवास घेराव के संबंध में।

महोदय,
उद्यान लगाओ उद्यान बचाओ यात्रा ग्रुप के माध्यम से आपको अवगत कराना चाहते हैं कि उत्तराखंड के सभी जिलों के बागवान/किसान/सामाजिक कार्यकर्ता /व्यापारी बंधु सरकार द्वारा उद्यान विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लगातार बढ़ावा दिए जाने और रामगढ़ स्थित राजकीय उद्यान को सिडकुल स्थिति कंपनियों को दिए जाने से अत्यंत व्यथित हैं,जिसके लिए विभिन्न मंचों से सरकार के इस आदेश को वापस लेने तथा भ्रष्टाचार पर ठोस कार्यवाही की मांग करते हुए बिंदुवार मांग की गई थी जो निम्नवत हैं :-
१- राज्य की औद्यानिकी में नर्सरी एक्ट का उल्लंघन करते हुए ,राज्य के मेहनती कास्तकारों/नर्सरी धारकों को पौधों का आवंटन ना कर फर्जी अनिका ट्रेडर्स के नाम की पौधशाला को राज्य में लाखों पौधों का आवंटन कर 420 करने वाले निदेशक उद्यान और अन्य लोगों के विरुद्ध ठोस कानूनी कार्यवाही की जाए।
२- उद्यान विभाग की आंख कहे जाने वाले रामगढ़ राजकीय उद्यान की ४.४ एकड़ जमीन को सिडकुल जैसी कंपनियों के हाथों में दिया जाना सरकार का गलत निर्णय है इस निर्णय को तत्काल राज्य सरकार वापस ले।
३- औद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए एप्पल मिशन या अन्य योजनाओं में किसानों को अपना बगीचा लगाने,या उसमें अन्य मानकों के अनुरूप सामग्री लगाने की खुली छूट प्रदान की जाए और डीबीटी को राज्य में ठोस तरीके से लागू करते हुए,कार्य पूर्ण कर चुके किसानों को डीबीटी के माध्यम से उनके कृषक अंश का लाभ प्रदान किया जाए।
४- उत्तराखंड के राजकीय उद्यानों और उत्तराखंड राज्य नर्सरी एक्ट का पालन कर निजी नर्सरी बना चुके किसानों का भौतिक सत्यापन कर फल पौध खरीद में जिला सैक्टर,राज्य सैक्टर और केंद्र सैक्टर की योजनाओं में सबसे पहले वरीयता इन्हें प्रदान की जाए।
५- जिन कास्तकारों का एप्पल मिशन में 30% से 50% तक कार्य हो चुका है और 2022 से पहले जिनकी एप्पल मिशन में मांग की गई है उन्हे योजना के पहले स्वरूप से ही लाभांभित किया जाएं उन्हें नए आदेश के अनुरूप कार्य करने हेतु बाध्य ना किया जाए।
६- वर्तमान में उद्यान निदेशक द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम देने के इरादे से फर्जी अनिका ट्रेडर्स एवं पौधशाला को माध्यम बनाकर राज्य के लगभग सभी जिलों में चोरी छिपे कश्मीर से औने पौने दामों पर पौधें पहुंचा दिए गए हैं,जिसमें निदेशक द्वारा न तो पौधों को क्वारेंटाइन किया गया और न ही इनके पास मात्र वृक्ष के सापेक्ष पौधों की उपलब्धता है। साथ ही वर्तमान में कश्मीर के पौधों में बीमारी होने की बात की पुष्टि भी हिमाचल और अन्य राज्यों ने की है।उसके बाद भी कश्मीर से ऐसे चोरी छिपे पौधे मंगवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो।
७- उत्तराखंड से लगे हिमाचल और जम्मू कश्मीर के बॉर्डर एरिया पर शीतकालीन फल पौधों के ट्रकों की ट्रैकिंग हो और जो नियमतः राज्य में पौधे लाए जा रहे हैं उन्हें अनिवार्य रूप से क्वारेंनटीन करवाया जाए और उनके आवंटन और सत्यापन की गहन जांच की जाए।
७- अनिवार्य चकबंदी लागू करने का कार्य करें

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उक्त मांगों पर राज्य हित में यदि सरकार द्वारा शीघ्रतापूर्वक निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेश के सभी कास्तकार 3 फरवरी 2023 को बाध्य होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।

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स्थान – देहरादून गांधी पार्क से मुख्यमंत्री आवास घेराव ।
समय – अपराह्न – 12:30 बजे।
धन्यवाद।