नैनीताल उच्च न्यायालय ने औद्यानिक भ्रष्टाचार को लेकर जनहित याचिका स्वीकार की, उद्यान निदेशक,सचिव और राज्य सरकार को जारी किया नोटिस

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नैनीताल: उच्च न्यायालय ने औद्योगिक भ्रष्टाचार पर सोशल एक्टिविस्ट दीपक करगेती की जनहित याचिका स्वीकार करते हुए उद्यान विभाग के निदेशक डॉ एचएस बवेजा के विरुद्ध जांच मामले में राज्य सरकार, सचिव उद्यान व निदेशक उद्यान को नोटिस जारी किया है। साथ ही चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। हाई कोर्ट ने उद्यान विभाग के निदेशक एसचए बावेजा के विरूद्ध जांच अब तक पूरी नहीं करने को गंभीर बताया।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने औद्यानिक भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहे सोशल एक्टिविस्ट दीपक करगेती की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में कहा है की उनके आमरण अनशन के बाद 14 सितंबर को कृषि मंत्री गणेश जोशी के निर्देश पर सचिव उद्यान ने निदेशक बवेजा के विरुद्ध जांच के आदेश देते हुए 15 दिन में रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन तीन माह पूरे होने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई। आरोप लगाया कि निदेशक ने चार अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल आयोजित कर ढाई करोड़ से अधिक का घोटाला किया। 77 हजार कीवी पौधों को बाजार दर से कई गुना अधिक कीमत पर खरीदकर सरकार को नुकसान पहुंचाया, जिसमें से 20 प्रतिशत पौध भी जिंदा नहीं हैं। अदरख व हल्दी का बीज भी दुगने से अधिक दाम पर ख़रीदा और काश्तकारों को बाजार में सस्ता बीज मिला। याचिका में निदेशक के विरुद्ध प्रशासनिक व वित्तीय घपलों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई है।

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