शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां झूला देवी के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की लगीं कतारें, अपार आस्था का केंद्र है मां झूला देवी मंदिर

ख़बर शेयर करें -

रानीखेत-शारदीय नवरात्र के पहले दिन आज रानीखेत के प्रसिद्ध मां झूला देवी मंदिर और‌ कालिका स्थित मां दुर्गा कालिका मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मां झूला देवी मंदिर में मां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी रही।

बता दें कि रानीखेत -चौबटिया मार्ग पर स्थित माता झूला देवी मंदिर देसी एवं विदेशी पर्यटकों की अपार आस्था का केंद्र है। इस पवित्र मंदिर में भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर घंटी बांधकर आस्था प्रकट करते हैं मंदिर के चारों तरफ बंधी हजारों-हजार घंटियाँ इसकी साक्षी है 700 वर्ष पुराना मां दुर्गा का यह अत्यंत प्राचीन मंदिर सिद्धपीठों में से एक है।

माना जाता है कि यहां के लोग जंगली जानवरों से परेशान थे। तेंदुए लोगों पर हमला करते थे। इनके आतंक से मुक्ति पाने के लिए लोगों ने देवी मां की कठोर साधना की। मान्यता है कि इस साधना के फलस्वरुप माता दुर्गा ने एक दिन एक भक्त चरवाहे को सपने में दर्शन दिए और कहा कि वह एक विशेष स्थान पर खुदाई करे और देवी उस स्थान पर विराजमान होना चाहती है।

यह भी पढ़ें 👉  रानीखेत:अब डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड यानी डीएसी नंबर देने पर ही मिलेगा घरेलू गैस सिलेंडर

अगले दिन ग्रामीणों के साथ उस चरवाहे ने उसी स्थान पर गड्ढा खोदा और वहां से देवी की मूर्ति निकलीे ग्रामीणों ने उस स्थान पर एक मंदिर का निर्माण कर देवी की मूर्ति को स्थापित करायी। मूर्ति स्थापना के बाद से ही ग्रामीणों को जंगली जानवरों के आतंक से मुक्ति मिल गई। कुछ समय बाद सावन मास में छोटे बच्चों को झूला झूलते देख कर माता ने फिर उस भक्त को सपने में आकर कहा कि वह भी झूला झूलना चाहती हैं।

यह भी पढ़ें 👉  अल्मोडा़ जनपद‌ में‌ बारिश की संभावना के चलते कल 4जुलाई को भी विद्यालयों में रहेगाअवकाश

उनके लिए भी मंदिर में झूला लगाया जाए। अगले दिन ग्रामीणों ने माता की मूर्ति को मंदिर में झूले पर विराजमान कर दिया, इसके बाद माता के इस मंदिर की झूला देवी मंदिर नाम से प्रसिद्धि हो गई। मंदिर परिसर के चारों ओर लटकी हुई अनगिनत घंटियां माता झूला देवी की दिव्य व दुख खत्म करने वाली शक्तियों को दर्शाती हैें मंदिर में विराजित झूला देवी के बारे में यह माना जाता है कि झूला देवी अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं, और भक्त इच्छा पूर्ति के बाद यहां घंटी भेंट स्वरूप चढाने आते हैें।

यह भी पढ़ें 👉  मानसून सीजन की पहली बारिश ने रानीखेत चिकित्सालय के सीएम एस कार्यालय को किया पानी-पानी, संयुक्त मजिस्ट्रेट ने मौके पर किया निरीक्षण (देखें वीडियो)

मंदिर परिसर के चारों तरफ बंधी लाखों घंटियां इसका प्रमाण हैें 1935 में इस मंदिर को नव रूप देकर मंदिर का नया परिसर निर्माण किया गया।

पर्यटकों की अपार आस्था के केंद्र इस मंदिर में वर्ष भर देश विदेश से श्रद्धालु आते रहते हैें । चैत्र व शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती हैे झूला देवी के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर सिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है। जो श्रद्धालुओं की आस्था की श्रद्धा भक्ति का प्रमुख केंद्र है।आज पहली नवरात्र को भी भक्तों में मां झूला देवी के दर्शन के लिए उत्साह देखा गया।

फोटोज-रामेश्वर प्रसाद गोयल