रानीखेत में रविवार को भव्य झांकियों के साथ‌ निकलेगा श्री कृष्ण जन्माष्टमी का डोला,मटकी फोड़ प्रतियोगिता होगी‌ आकर्षण का‌ केंद्र

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रानीखेत सदर बाजार में 1952 में जन्माष्टमी डोले का‌ ऐतिहासिक दृश्य

रानीखेत: रानीखेत में श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव आयोजन की ऐतिहासिक एवं अविच्छिन्न परम्परा रही है।इस मौके‌ पर आजादी पूर्व से ही‌ यहां श्री कृष्ण की लीला‌ से जुड़े प्रसंगों को लेकर गली मुहल्लों में डोल (झांकी) सजाने की परम्परा रही है जो आज भी कायम है।

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हालांकि ‌समय‌ के साथ अब यह परम्परा कमजोर पड़ती जा रही‌ है जिसे लेकर नगर के जागरूक संगठन‌ चिंतित‌ दिखाई दे रहे हैं।व्यापार मंडल ने इस बार‌ झांकियो को प्रोत्साहन देने के लिए प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार देने की घोषणा की है ,शिव मंदिर धर्मशाला कमेटी पूर्व ‌से‌ ही झांकी प्रतियोगिता करती आई है।

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व्यापार मंडल उप सचिव‌ विनीत चौरसिया ने बताया कि‌ इस बार व्यापार मंडल ने भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी के आकर्षण को बढ़ाने और बच्चों की कलात्मकता को उभारने के साथ ही लुप्त हो रही रानीखेत की इस परम्परा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य ‌से झांकी निर्माण में ‌लगी संस्थाओं के लिए प्रोत्साहन का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी का डोला‌ भव्य झांकियों के साथ रविवार २१अगस्त दोपहर एक बजे निकलेगा जिसमें इस बार‌ मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आकर्षण का केंद्र होगी।

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