आंदोलनकारियों का आरोप ,धामी सरकार प्रचार प्रसार पर कर रही लाखों रुपए की फिजूलखर्ची,और हमसे बिना सहमति लिए अनिवार्य कटौती

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भिकियासैंण ःतहसील मुख्यालय पर उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन रामगंगा भिकियासैंण के धरने को आज 92 दिन हो गए हैं लेकिन अब तक सरकार ने सीनियर सिटीजन के इस आंदोलन की सुध नहीं ली है।तय कार्यक्रम के अनुसार आज सल्ट विकासखंड के पैशनर्स ने धरना दिया। धरना स्थल पर आन्दोलनकारियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए और जन गीतों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।

बैठक को सम्बोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने प्रदेश की धामी सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि, प्रचार-प्रसार के नाम पर मैसर्स गुंजन इन्टरप्राइजेज को 150 डिस्प्ले बोर्ड बनाने का रुपए 1734600 व वी.के.एस क्रिएशन कम्पनी को 500 डिस्प्ले बोर्ड बनाने का रुपए 2596000 का अनुबंध हुआ है इसी प्रकार कुम्भ मेले मेंं प्रचार प्रसार पर 24147000 रुपये इस प्रकार प्रचार प्रसार पर ही कुल 28477600 रुपए खर्च किस प्रयोजन से किए गए ? जबकि पैंशनर्स व कर्मचारियों से उनकी सहमति लिए वगैर अनिवार्य कटौती जनवरी 2021 से शुरू की जा चुकी है। इस प्रचार-प्रसार से किसको लाभ मिला ? उन्होंने आगे कहा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का कार्यालय 652333.50 रुपए प्रतिमाह मंहगे किराए पर क्यों लिया गया ? सरकार ने इस कार्यालय पर पांच साल के लिए लगभग 4 करोड़ रुपए पैंशनर्स व कर्मचारियों से वसूली गई धनराशि से खर्च कर दिए। क्या यह फिजूल खर्ची नहीं है ? जबकि प्रदेश में कई बड़े बड़े कार्यालय अभी भी टिन शेड में चल रहे हैं। उन्होंने कहा प्राधिकरण की वर्षगांठ पर 5937008 रुपए खर्च किन परिस्थितियों में किए गए ?उन्होंने कहा ग्रामीण इलाकों में गोल्डन कार्ड बने नहीं हैं, कटौती किस बात की हो रही है ? जिनके गोल्डन कार्ड बने भी हैं उन्हें इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इससे ऐसा लगता है कि, सरकार ने स्वास्थ्य प्राधिकरण नाम का एनजीओ पैंशन से वसूली गई धनराशि को खपाने के लिए बनाया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि सरकार ने महालेखाकार के दायरे से इस आय- व्यय को अलग रखा है। इसका सीधा अर्थ यह है कि इस खर्चें की कोई जांच भी नहीं कर सकता।

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बैठक को गोपाल दत्त बवाड़ी, कृपाल सिंह नेगी, प्रेम सिंह अधिकारी, कुबेर सिंह कड़ाकोटी, बालम सिंह बिष्ट, रमेशचंद्र सिंह बिष्ट, डॉ विश्वम्बर दत्त सती , पूर्व प्रधानाचार्य गंगा दत्त जोशी, देबी दत्त लखचौरा, आनन्द प्रकाश लखचौरा, गंगा दत्त शर्मा, किसन सिंह मेहता, राम सिंह बिष्ट, मोहन सिंह नेगी, कुन्दन सिहं बिष्ट, राम सिंह रावत, मदन सिंह नेगी, देब सिंह बंगारी, प्रताप सिंह नेगी, देब सिंह घुगत्याल, आदि लोगों ने सम्बोधित किया।

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