कहां है काला पहाड़? जहां मची है पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि, एसडीएम तक पहुंची गुहार

ख़बर शेयर करें -

रानीखेत के समीप स्थित ग्राम सभा विशुवा के काला पहाड़ तोक में विकट पेयजल समस्या से यहां के निवासी त्रस्त हैं।हाल के वर्षों में यहां की आबादी में इजाफा तो हुआ लेकिन पेयजल की प्राप्ति के मूलभूत अधिकार से यहां के निवासी आज भी वंचित हैं। पेयजल महकमे द्वारा भी यहां के निवासियों की पहुंच तक पेयजल ले जाने की कोशिश आधी-अधूरी ही साबित हुई। पूर्व में आबादी के हिसाब से 20 हजार लीटर क्षमता के टैंक के बजाए पांच हजार लीटर क्षमता वाला टैंक बना दिया गया जो अब आबादी बढ़ने के कारण नाकाफी तो है ही इससे घरों तक पेयजल पहुंचाने के लिए सालों बाद भी वितरण लाइन नहीं बिछाई गई हैं। गांव में पानी नहीं पहुंचने के कारण ग्रामीण इधर-उधर भटकने को विवश हैं।
आज ग्रामीणों की इस समस्या को लेकर ग्राम विकास जन सेवा संगठन ने यहां उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और पेयजल समस्या के निदान के लिए सार्थक कार्रवाई करने की मांग की ।ज्ञातव्य है कि विशुवा के तोक काला पहाड़ के लिए पेयजल निगम द्वारा सन 2000 में पेयजल योजना बनाई। जल संस्थान को रख रखाव के लिए इसे हस्तांतरित कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि तब तोक में पांच परिवार रहते थे, अब यह संख्या बढ़कर 30 हो गई है। मुख्य लाइन से टंकी में पानी पहुंचने से पहले गनियाद्योली के पास की बस्ती को जल संस्थान ने संयोजन वितरित कर दिए। जिस कारण काला पहाड़ में परिवारों के लिए पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ग्रामीण पानी के लिए पारंपरिक जल स्रोतों पर निर्भर होकर रह गए हैं। साथ कहा कि संगठन के तमाम प्रयासों के बाद 2018 में जल निगम ने जिला योजना के तहत जलाशय निर्माण और पाइपों का भी प्रावधान किया था। लेकिन जलाशय 20 हजार के बजाए पांच हजार लीटर क्षमता का बना दिया गया। जलाशय से पाइप लाइन नहीं बिछाई गई। कहा कि जलाशय लावारिश हालत में पड़ा है। दोनों विभागों से बार बार पत्र व्यवहार किया गया, लेकिन जल संकट दूर करने के लिए विभाग रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार हर घर जल हर घर नल जैसी योजनाएं बना रही है, दूसरी तरफ वह लोग पेयजल से वंचित हो रहे हैं। उपजिलाधिकारी से दोनों विभागों को सार्थक कार्रवाई के लिए निर्देश देने की गुहार लगाई गई है।ज्ञापन सौंपने वालों में व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष मोहन नेगी ,ग्राम विकास संगठन के सचिव चन्द्रादत्त जोशी, कैेप्टन पी० सी० जोशी, जगदीश चन्द्र जोशी व सामाजिक कार्यकर्ता ललित जोशी शामिल थे।