रक्षा मंत्रालय का भवन संपत्तियों के मरम्मत कार्य को लेकर अब ये आदेश, छावनी परिषद में आवेदन/अनुमति की जरूरत नहीं,कहा छावनी कर्मचारियों को जनता के उत्पीड़न से रोकें

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रानीखेत: रक्षा मंत्रालय के सहायक महानिदेशक कैंट ने सभी कमांड के प्रधान निदेशकों को पत्र जारी कर छावनी क्षेत्रों में लीज एवं पुरानी अनुदान सम्पत्तियों की मरम्मत कार्यों के संबंध में विशेष आदेश जारी करते हुए कहा है कि इसके लिए छावनी परिषद से आवेदन/अनुमति की आवश्यकता नहीं है। साथ ही छावनी परिषद कर्मचारियों को जनता के उत्पीड़न से रोकने को कहा गया है।

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उपर्युक्त पत्र में कहा गया है कि भवनों की संरचनात्मक स्थिरता और मरम्मत कार्यों के संबंध में कैंट अधिनियम 2006 को आगे बढ़ाते हुए दिशानिर्देशों की एक प्रति छावनी क्षेत्र में अधिकृत भवनों को भेज दी गई थी।संदर्भाधीन पत्र के आगे, यह सूचित किया गया है कि छावनी क्षेत्र में पट्टे पर दी गई/पुरानी अनुदान संपत्तियों की मरम्मत के संबंध में मामला, जहां भी कब्जाधारी जी एलआर के अनुसार एचओआर नहीं है। 18.04.2023 को रक्षा सचिव की अध्यक्षता में आगरा छावनी से संबंधित मुद्दों पर एक बैठक में चर्चा की गई थी। उक्त बैठक के बिंदुओं में निम्नलिखित स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
उक्त एमओडी नीति पत्र द्वारा ऐसी कोई शर्त नहीं लगाई गई है, और कोई भी व्यक्ति जो उक्त पत्र में परिभाषित अनुसार मरम्मत करता है, उसे किसी भी उद्देश्य के लिए छावनी बोर्ड में आवेदन करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

तदनुसार, यह अनुरोध किया जाता है कि वे फील्ड अधिकारियों को दिशा-निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन करने की सलाह दें और अपने कर्मचारियों को आम जनता के प्रति किसी भी उत्पीड़न के प्रति सचेत करें।

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