अब कुमाऊं-गढ़वाल के बीच घटेगा फासला,कंडी मार्ग के एक हिस्से के निर्माण को वन्य जीव बोर्ड की मंजूरी

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लालढांग -चिल्लरखाल मार्ग को राष्ट्रीय वनजीव बोर्ड ने पुलों की ऊंचाई 6मीटर से कम रखने की शर्त के साथ निर्माण की मंजूरी दे दी है।कंडी रोड के इस हिस्से के बनने के बाद कोटद्वार और देहरादून के मध्य फासला कम हो जाएगा। बता दें कि कंडी मार्ग राज्य सरकार और वन मंत्री हरक सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है वे इसे मार्ग के निर्माण की केन्द्र से निरंतर पहल करते रहे हैं।

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उल्लेखनीय है कि कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों को आपस में कनेक्ट करने वाली कंडी रोड(रामनगर-कालागढ़-चिल्लरखाल -लालढांग) के चिल्लरखाल-लालढांग हिस्से के निर्माण का रास्ता अब साफ हो गया है। एनबीडब्लूएल की हुई बैठक में उत्तराखंड की मांग के अनुरूप इस सड़क पर पुलों की ऊंचाई छह मीटर रखने की शर्त के साथ निर्माण की मंजूरी दी गई है।वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब इस सड़क का निर्माण होने पर कोटद्वार से हरिद्वार व देहरादून आने-जाने के लिए जनता को सुविधा मिलेगी। साथ ही वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा और अधिक मजबूत हो सकेगी।

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यहां यह जानना भी जरुरी है कि वन मंत्री हरक सिंह रावत और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी निरंतर इस मार्ग के लिए प्रयासरत रहे ,लालढांग-चिल्लरखाल मोटरमार्ग के निर्माण पर एनटीसीए की रिपोर्ट आने तक सुप्रीम कोर्ट ने रोक भी लगाई थी। वहीं, उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही इस मार्ग को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने सियासी रोटियां भी खूब सेंकी।

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