पद्मश्री माधुरी बर्थवाल के कर कमलों से हुआ उत्तराखंड की नारी शक्ति का सम्मान

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सी एम पपनैं

नई दिल्ली। ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ 8 मार्च, के पावन अवसर पर, उत्तराखंड की दिल्ली प्रवास मे गठित, ‘कल्याणी सामाजिक संगठन’ द्वारा तीसरा ‘कल्याणी सम्मान समारोह 2022’ का भव्य आयोजन, संस्था अध्यक्षा बबीता नेगी, मुख्य अतिथि लोक गायिका, पद्मश्री माधुरी बर्थवाल तथा विशिष्ट अतिथि, हेमा नेगी करासी, समाज सेविका, अंजू अरविंद कुमार तथा सुधा देवी राही, धर्मपत्नी लोकगायक स्व.चंद्रसिंह राही की गरिमामयी उपस्थिति मे, गढ़वाल भवन, झन्डेवालान नई दिल्ली मे, महिलाओ से ठसा-ठस भरे, गढ़वाल भवन के सभागार, मे आयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड की विभिन्न क्षेत्रों मे उत्कृष्ट व प्रेरक कार्य करने वाली, प्रबुद्ध महिलाओ का सम्मान तथा उत्तराखंड के लोकगीतो व नृत्यों का मनोहारी मंचन किया गया।

सम्मान समारोह का श्रीगणेश ‘कल्याणी सामाजिक संगठन’ अध्यक्षा, मुख्य व विशिष्ट अतिथियों तथा सम्मानित होने वाली प्रबुद्ध महिलाओ के हाथों, दीप प्रज्वलन तथा लोकगायिका उषा भट्ट पांडे के कर्ण प्रिय मंगल गान के बोलो- ‘दैणा होया होली का गणेशा, दैणा होया होली का नरेणा’, से शुभारंभ किया गया।

कल्याणी सामाजिक संस्था अध्यक्षा बबीता नेगी द्वारा, स्वागत वक्तव्य में ‘कल्याणी सम्मान समारोह’ की रूपरेखा, कार्यो व विगत वर्षों में संगठन को मिली सफलता के बारे अवगत कराया गया। व्यक्त किया गया, संगठन का मुख्य उद्देश्य, समाज के विभिन्न क्षेत्रों मे कार्यरत प्रतिभाशाली महिलाओं को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए सम्मानित करना रहा है। संगठन का मानना है, जब एक नारी बखूबी अपने कार्यों को मंजिल तक पहुचाती है, तो वो गुमनाम क्यों रहे? क्यों न, उन सभी मातृशक्ति को, जो आज अपने कार्यों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों मे, अलग पहचान बनाये हुए हैं। उन्हे एक सम्मान का अधिकारी बना, सशक्त किया जाए। कल्याणी संगठन का यह उद्देश्य, विगत वर्षों मे सफल रहा है। कल्याणी संगठन सदस्य, उत्तराखंड की महिलाओं के प्रति इस सम्मान व इस दिवस को गौरवपूर्ण क्षण मानती हैं। ‘कल्याणी सामाजिक संस्था’ का विगत वर्षों से प्रयास रहा है, समाज कल्याण के लिए कार्य करने वाली हर उस महिला को सम्मान मिले, जो ‘कल्याणी’ शब्द की सार्थकता को पूर्ण करने मे सिद्ध हो सके।

विभिन्न विधाओ के क्षेत्र मे, विगत अनेक वर्षो से, अमिट छाप छोड़ रही, उत्तराखंड की सम्मानित होने वाली प्रबुद्ध महिलाओ मे, तनुजा जोशी (काठगोदाम जिला नैनीताल), नंदी बहुगुणा (ग्राम साबली चंबा, टिहरी गढ़वाल), सुधा भंडारी (ग्राम रायड़ी, केदारघाटी, जिला रुद्रप्रयाग), शांति वर्मा ‘तन्हा’ (ग्राम थात, कालोनी लखसियार, देहरादून), पूजा ढौंडियाल शर्मा (ग्राम गनरियाखाल, पौड़ी गढ़वाल), लक्ष्मी रावत पटेल (ग्राम दंदल, पौड़ी गढ़वाल), गरिमा सुंदरियाल (पंजारा बड़ा, पौड़ी गढ़वाल), आशा बिष्ट गुसाईं (ग्राम ईड़ा बाराखाम, अल्मोड़ा), कुम्मू भटनागर (ग्राम झिझार, जिला अल्मोड़ा) अभिलाषा पालीवाल (हल्द्वानी, जिला नैनीताल) तथा ग्रामीण बाल विकास संगठन (बाल पंचायत, बजींगा, टिहरी गढ़वाल) को महिलाओं से खचाखच भरे सभागार में, तालियों की गड़गड़ाहट के मध्य, मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के हाथों, साल ओढा, पुष्पगुच्च व सम्मान पत्र प्रदान कर ‘कल्याणी सम्मान 2022’ से नवाजा गया।

आयोजन के इस अवसर पर आयोजको द्वारा, मुख्य व विशिष्ठ अतिथियों के साथ-साथ, प्रबुद्ध समाज सेवियो मे, संजय दरमोडा, कुलदीप भण्डारी, राजेन्द्र चौहान, कल्पना चौहान (लोकगायिका), माया बिष्ट (निगम पार्षद), अजय राणा निगम पार्षद, राधा दिवेदी (लोकगायिका) के साथ-साथ उत्तराखंड के अनेको प्रतिष्ठित पत्रकारों को, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे, महिलाओं का पथ प्रदर्शन करने हेतु, मंच पर आमंत्रित कर, कल्याणी संगठन पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा स्मृति चिन्ह भेट कर सम्मानित किया गया।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर, सम्मानित महिलाओ द्वारा, आप बीती सुना, सभागार में बैठी महिलाओ को प्रभावित कर, नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र मे, प्रेरणा प्रदान की गई। सम्मानित महिलाओ मे, उत्तराखंड के सुदूर गांव की सुशीला भंडारी द्वारा, व्यक्त किया गया, उत्तराखंड मे शराब के कारोबार, जंगलो के कटान व गंगा तथा उसकी अन्य सहायक नदियों के अवरोध की नीतियों पर, अंकुश लगाया जाए। उत्तराखंड को समय-समय पर हो रही, तबाही से बचाया जाए।

सम्मान समारोह के इस अवसर पर, मुख्य अतिथि लोक गायिका, पद्मश्री माधुरी बर्थवाल द्वारा सभी सम्मानित की गई महिलाओ को बधाई देकर व्यक्त किया गया, उत्तराखंड की जागरूक महिलाएं, आज किसी क्षेत्र से अछूती न रहकर, अपना परचम लहरा रहीं हैं। विभिन्न क्षेत्रों व विधाओ मे, कार्य करने वाली सभी महिलाऐ, आज सम्मान की पात्र हैं। मुख्य अतिथि द्वारा व्यक्त किया गया, अपनी भाषा व संस्कृति को सदा सम्मान देना चाहिए, उससे जुडाव रखना चाहिए। लक्ष्य सही होगा तो सब ठीक रहेगा। उत्तराखंड की अनेकों महिलाओं द्वारा, महिला सशक्तिकरण का परिचय, विभिन्न काल खंडो मे, विभिन्न क्षेत्रों में दिया गया है। नारी ने सृष्टि का विकास किया है। मुख्य अतिथि द्वारा व्यक्त किया गया, हमारे लोकगीतों मे शास्त्रीय पुट है, ऐतिहासिकता है, भोगोलिकता है, लोकगीतों का बड़ा महत्व है। पद्मश्री माधुरी बर्थवाल द्वारा नीतिमाणा का झुमैलो लोकगीत गाकर, दर्शकों पर अपनी गीत गायन विधा की अमिट छाप छोडी, पद्मश्री सम्मान मिलने की सार्थकता की पुष्टि की।

इस अवसर पर उत्तराखंड की सु-विख्यात लोकगायिकाओ, उषा भट्ट पांडे, राधा दिवेदी तथा कल्पना चौहान द्वारा संगीतकार विरेन्द्र नेगी ‘राही’ के संगीत निर्देशन व विजय बिष्ठ, अनुराग नेगी, महेश गन्धर्व के सानिध्य मे, मनभावन लोकसंगीत की धुन तथा उत्तराखंड के प्रवासी बाल कलाकारों द्वारा, उत्तराखंड के गीत-संगीत पर लोकनृत्य प्रस्तुत कर, सम्मान समारोह को भव्य, आकर्षक व यादगार बनाया गया।

उत्तराखंड के परिपेक्ष, विभिन्न क्षेत्रों में, नारी शक्ति का अवलोकन कर ज्ञात होता है, उत्तराखंड की नारी को किसी भी क्षेत्र मे कम कर, नही आंका जा सकता। उत्तराखंड की जटिल मेहनतकस नारी का, एक गौरवशाली इतिहास रहा है। कुछ वर्तमान मे भी, इतिहास रच रही हैं। जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नारी शक्ति का परिचय देकर उत्तराखंड व देश का नाम रोशन किया है। उक्त महिलाओं के कारनामो से प्रेरणा ले, उत्तराखंड के सामाजिक संगठनों व संस्थाओं द्वारा, महिला दिवस का आयोजन कर, नारी शक्ति को सम्मान देना, न सिर्फ सार्थक कदम है। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे, नेक व परोपकारी कार्य भी है।

कल्याणी सामाजिक संगठन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह मे, गढ़वाल भवन के मुख्य द्वार पर, आगन्तुको के स्वागत मे ‘गढ़ कुमांऊ साज बाज’ उत्तराखंड सांस्कृतिक कला के दल द्वारा, अरविंद सिंह रावत के सानिध्य में, ढोल-दमाऊं की थाप पर गूंजती मनोहारी झलक, पधार रहे अतिथियों को भा रही थी। प्रभावशाली छाप छोड रही थी। आयोजित भव्य सम्मान समारोह का मंच संचालन, उत्तराखंड की विख्यात रंगकर्मी, मंजू बहुगुणा द्वारा बखूबी व प्रभावशाली अंदाज मे किया गया।
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