ऊर्जा कर्मियों की हवा में लहराती इंकलाबी मुट्ठियों को सरकार ने अधिसूचना की रस्सी से बांधा,राज्यपाल ने छह माह के लिए निषिद्ध की हड़ताल

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देहरादून:मंगलवार को ऊर्जा मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने 14 सूत्रीय मांगों पर आंदोलनरत ऊर्जा कर्मियों से बातचीत कर एकमाह का समय लेकर उनकी हड़ताल स्थगित करायी थी लेकिन आज उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्यपाल के जरिए एक नई अधिसूचना जारी कर हड़ताली कर्मचारियों की हवा में लहराती इंकलाबी मुट्ठियों को करीब छह माह के लिए थाम लिया है।
जारी अधिसूचना में उत्तराखंड सरकार द्वारा बताया गया है कि राज्य सरकार के द्वारा ऐसा करना लोकहित में आवश्यक एवं समीचीन है जिसमें उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुसरण अधिनियम 1966 ( उत्तराखंड राज्य में यथा प्रवत्त) (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 30 सन 1966) की धारा 3 की उप धारा 1 के अंदर आने वाली शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल के द्वारा इस आदेश को जारी किया गया है।

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जिसमें 6 महीने के लिए यूजेवीएन लिमिटेड उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड में सभी श्रेणी की सेवाओं में तत्कालीन प्रभाव से हड़ताल निषिद्ध की जाती है और ऐसे में गजट को पास कर ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों की मुश्किलों को बढ़ा दिया गया है।
अब ऐसे में ऊर्जा विभाग के कर्मचारी हड़ताल नहीं कर पाएंगे और जब मांग उठाने के लिए दूसरे चरण में सड़कों पर उतरेंगे तब तक चुनाव के बाद नई सरकार राज्य में काबिज हो चुकी होगी।सरकार के इस कदम से आगामी चुनाव में उसे ऊर्जा कर्मचारियों की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है।

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