पैंशनर्स की जेबों पर डाका, एक दिन में वसूली गई तकरीबन एक अरब रुपए की धनराशि: तड़ियाल
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राज्य के कोषागारों से सीधे जमा होती है एक निजी बैंक में।
राज्यभर से करीब सवा लाख पैंशनर्स को सीजीएचएस योजना में जबरन किया शामिल।
न्यायालय के आदेश के कारण दस महीने से कटौती बन्द होने के कारण राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में पड़ गये थे लाले।
अब तक का सबसे बड़ा चोर दरवाजा बना राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण जिसका आडिट राज्य का महालेखाकार भी नहीं कर सकता।
उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने एक प्रैस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अब तक का सबसे बड़ा चोर दरवाजा साबित हुआ है बीते सितंबर महीने में ही पैंशनर्स की जेबों से डांका डालकर करीब एक अरब रुपए राज्य के कोषागारों से सीधे एक निजी बैंक में जमा किया गया है इस धनराशि का आडिट राज्य का महालेखाकार भी नहीं कर सकता है यह एक तरह से जजिया कर है जो यहां के सीनियर सिटीजन पर लगाया गया है। पैंशनर्स को इससे एक धेले का फायदा नही मिल रहा है पूरे प्रदेश में पैंशनर्स इस योजना का विरोध कर रहे हैं इसके बाद भी एक शाजिस के तहत करीब एक लाख पैंतीस हजार लोगों को इस फरेबी योजना से जोड़ा गया है माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर पिछले दस महीने से इस अवैध वसूली पर रोक लगी हुई थी जिसके कारण प्राधिकरण में लाले पड़ चुके थे। यही वजह रही मा0 न्यायालय का कोई निर्णय आने से पहले ही आनन-फानन में एकमुश्त दस महीने की कटौती कर दी। जबकि मा0 न्यायालय द्वारा 31 दिसंबर 2020 के उस शासनादेश पर ही रोक लगा रखी है जिसके तहत कटौती हो रही थी किस आधार पर यह कटौती हो रही है यह हैरत में डालने वाली बात है श्री तड़ियाल ने कहा इस सरकार से अब भरोसा उठ गया है प्रदेशभर के सभी संगठनों के साथ मिलकर इस मुद्दे को राष्ट्रीय फलक पर ले जायेंगे। माननीय प्रधानमंत्री और भारत के राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन देंगे ज़रुरत पड़ी तो दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू कर इस मुद्दे को राष्ट्रीय फलक पर उजागर करेंगेे।
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