हिंदी कथा जगत के देदीप्यमान नक्षत्र शेखर जोशी नहीं रहे, ‘दाज्यू’ ‘कोसी का घटवार’ जैसी कालजयी कहानियों से किया हिंदी साहित्य को समृद्ध
हिंदी कथा जगत के देदीप्यमान नक्षत्र शेखर जोशी नहीं रहे, 90 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है.
शेखर जोशी ने अपने जीवनकाल में दाज्यू, कोसी का घटवार जैसी कई प्रगतिशील कहानियां दी हैं. उनके जाने से साहित्य जगत में शोक की लहर है.उनका योगदान सदा अमर रहेगा.
शेखर जोशी का जन्म 10 सितम्बर, 1932 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ओलिया गांव में हुआ था. उनकी लिखी कहानियां इतनी प्रसिद्ध रहीं कि उनका अंग्रेजी, रूसी और जापनी समेत कई भाषाओं में अनुवाद भी किया गया. उनकी दाज्यू वाली कहानी पर तो एक फिल्म भी बनाई गई थी. अब जब वे इस दुनिया को अलविदा कह जा चुके हैं, हर कोई उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है.
जोशी की कला इतनी बेमिसाल रही कि उन्हें एक नहीं कई मौकों पर सम्मानित किया गया. साहित्य के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए उन्हें 1987 में महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार, 1995 में साहित्य भूषण दिया गया था. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें श्रीलाल शुक्ल सम्मान से भी सम्मानित किया था. इस महान कथाकार को लेकर ये बात भी हमेशा प्रचलित रही कि इनकी कहानियों में पहाड़ों को खास जगह दी जाती थी. वे खुद क्योंकि उत्तराखंड से आते थे, ऐसे में उनकी रचनाओं में पहाड़ों का जिक्र देखने को मिल जाता था.
गत 10 सितम्बर को ही अपने जीवन के 90 साल पूरे करने वाले शेखर जोशी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ओलिया गांव में 10 सितम्बर 1932 को हुआ था। शेखर जोशी की प्रारंभिक शिक्षा अजमेर और देहरादून में हुई। इन्टरमीडियेट की पढ़ाई के दौरान ही सुरक्षा विभाग में जोशी का ई.एम.ई. अप्रेन्टिसशिप के लिए चयन हो गया, जहां वो सन् 1986 तक सेवा में रहे। तत्पश्चात स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लकर स्वतंत्र लेखन करने लगे।
दाज्यू, कोसी का घटवार, बदबू, मेंटल जैसी कहानियों ने शेखर जोशी को हिंदी साहित्य के कथाकारों की अग्रणी श्रेणी में खड़ा कर दिया। उन्होंने नई कहानी को अपने तरीके से प्रभावित किया। पहाड़ के गांवों की गरीबी, कठिन जीवन संघर्ष, उत्पीड़न, यातना, प्रतिरोध, उम्मीद और नाउम्मीदी से भरे औद्योगिक मजदूरों के हालात, शहरी-कस्बाई और निम्नवर्ग के सामाजिक-नैतिक संकट, धर्म और जाति में जुड़ी रुढ़ियां – ये सभी उनकी कहानियों के विषय रहे हैं। शेखर जोशी की प्रमुख प्रकाशित रचनाओं में : —
कोसी का घटवार 1958, साथ के लोग 1978, हलवाहा 1981, नौरंगी बीमार है 1990, मेरा पहाड़ 1989, डागरी वाला 1994, बच्चे का सपना 2004, आदमी का डर 2011, एक पेड़ की याद, प्रतिनिधि कहानियां आदि शामिल हैं।