समझौते के बाद निपट गया चिकित्सालय में तीन दिन से जारी विवाद क्षेत्र प्रमुख के विरूद्ध एफ आई आर होगी वापस, चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार भी खत्म

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रानीखेतः राजकीय चिकित्सालय में पिछले दो दिन से चला आ रहा चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार आज अपराह्न मुख्य चिकित्साधिकारी की मौजूदगी में हुई बैठक में दोनों पक्षों के मध्य समझौता होने के बाद वापस ले लिया गया,इतना ही नहीं महिला चिकित्सक द्वारा क्षेत्र प्रमुख हीरा सिंह रावत के खिलाफ स्थानीय कोतवाली में दर्ज एफ आई आर वापस लेने पर भी सहमति बनी।
राजकीय चिकित्सालय में बीते सोमवार को क्षेत्र प्रमुख हीरा सिंह रावत के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हंगामे और अभद्रता और फिर चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों के कार्य बहिष्कार से चिकित्सालय में उत्पन्न कार्य गतिरोध आज इस प्रकरण का पटाक्षेप होने के बाद खत्म हो गया।
आज पूर्वाह्न मुख्य चिकित्साधिकारी अल्मोडा़ डा.सविता ह्यांकी चिकित्सालय पहुंची।मुख्य चिकित्साधिकारी , क्षेत्रीय विधायक करन माहरा और संयुक्त मजिस्ट्रेट जय किशन की मौजूदगी में लम्बी बैठक हुई जिसमें घटना से जुडे़ दोनों पक्षों को सुना गया।बैठक में यह बात सामने आई कि इस तरह की आवेशपूर्ण घटनाओं से चिकित्सालय के माहौल और प्रतिनिधियों की छवि पर असर पड़ता है अतैव इस तरह की घटनाओं से बचा जाना चाहिए और कोई भी शिकायत हो तो उसका समाधान मिल बैठकर निकालना चाहिए।बैठक में दोनों पक्षों ने घटना के लिए खेद व्यक्त किया।बैठक में वरिष्ठ महिला चिकित्सक डा.कांता किरन पांडे द्वारा क्षेत्र प्रमुख हीरा रावत के विरूद्ध स्थानीय कोतवाली में दर्ज एफ आई आर वापस लेने पर भी सहमति बनी।बैठक में निर्णय लिया गया कि भविष्य में चिकित्सालय में इस तरह की घटनाएं न हों ,और चिकित्सालय प्रशासन और नागरिकों , ग्रामीणों ,जन प्रतिनिधियों के बीच सौहार्द बना रहे इसके लिए शीघ्र एक कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें संयुक्त मजिस्ट्रेट,क्षेत्र प्रमुख,चिकित्सालय प्रबंधन समिति का एक सदस्य,एक पंचायत प्रतिनिधि और एक चिकित्सक शामिल रहेंगे। कमेटी परस्पर सद्भाव बनाने में सहयोग करेगी। बैठक में विधायक, संयुक्त मजिस्ट्रेट,मुख्य चिकित्साधिकारी, के अलावा क्षेत्र प्रमुख हीरा रावत,पूर्व प्रमुख रचना रावत, सीएमएस डा. के. के. पांडे,डा.कांता किरन पांडे डा.दीप प्रकाश पार्की, डा.हर्ष पंत, डा.डीएस नेगी, डा, संदीप दीक्षित,दीपक पंत, आदि मौजूद रहे।

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गौरतलब है कि सोमवार को यहां चिकित्सालय में रेफर की
गई एक प्रसूता के पति ने महिला चिकित्सक पर कथित तौर पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए इस बात की शिकायत क्षेत्र प्रमुख हीरा रावत से की थी जिस पर क्षेत्र प्रमुख ने अपने समर्थकों के साथ चिकित्सालय पहुंच कर न सिर्फ हंगामा बरपा अपितु इस दौरान चिकित्सकों के साथ अमर्यादित व्यवहार व गाली गलौज भी हुई थी। 5 अक्टूबर की सुबह घटना के विरोध में चिकित्सा कर्मियों ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया और संयुक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर अपनी सुरक्षा की भी मांग की थी।5 अक्टूबर को ही रात्रि स्थानीय थाने में डा.कांता किरन पांडे ने क्षेत्र प्रमुख हीरा रावत के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करायी जो पुलिस ने भा.द.स की धारा 504,506,509 के तहत दर्ज की थी। डा.कांता किरन पांडे ने अपनी तहरीर में हीरा रावत पर दूरभाष पर ऐसे शब्द बोलने जो किसी भी महिला की गरिमा व अस्मिता को चोट पहुंचाते हों, चिकित्सालय में भी मेरे लिए अश्लील भाषा का प्रयोग करने और संयुक्त मजिस्ट्रेट व तहसील दार के समक्ष जान से मारने ,मुंह काला करने की धमकी देने के गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले को लेकर आज दूसरे दिन भी चिकित्सकों ने सुबह कार्य बहिष्कार किया हालांकि आकस्मिक सेवाओं को इससे मुक्त रखा गया।अपराह्न होते-होते समझौता बैठक के बाद इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप हो गया।