देकी एक्सिस जापानी कम्पनी की तकनीक से भारत मे होगा अपशिष्ट जल का निस्तारण, कार्यक्रम में दिखी उत्तराखंडी संस्कृति की झलक

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सी एम पपनैं

नई दिल्ली: वैश्विक फलक पर अपशिष्ट जल को सौ प्रतिशत शुद्ध कर पीने व अन्य उपयोग मे लाने हेतु सिद्धहस्त जापानी देकी एक्सिस कम्पनी की फैक्ट्री का उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा केन्द्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा राज्य कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा, स्थानीय विधायक नयन पाल रावत इत्यादि के सानिध्य मे 4 नवम्बर को इंडस्ट्रीयल एरिया, देवली, पलवल हरियाणा में दीप प्रज्ज्वलित कर व फैक्ट्री यूनिट का बटन दबा कर किया गया।

उद्घाटन अवसर पर देकी एक्सिस कम्पनी के करीब पैंसठ से अधिक जापानी उच्च अधिकारी व प्रतिनिधि, जापानी दूतावास अधिकारियों के साथ-साथ भारत के जल प्रदूषण विशेषज्ञों की उपस्थित मुख्य रही। आयोजक कम्पनी अधिकारियों द्वारा सभी मंचासीन मुख्य व विशिष्ट अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत अभिनंदन किया गया।

जापानी देकी एक्सिस वाटर ट्रीटमैंट फैक्ट्री उद्द्घाटन के इस अवसर पर विदेशी अतिथियों के सम्मान मे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फलक पर ख्याति प्राप्त उत्तराखंड की सांस्कृतिक संस्था ‘पर्वतीय कला केन्द्र’ दिल्ली के कुमाऊ, गढ़वाल व जौनसार के कलाकारों द्वारा मांगल व लोकगीतों तथा नृत्यों का अति प्रभावशाली व यादगार मंचन किया गया। उत्तराखंड की मांगलिक वस्त्रभूषा, आभूषणों व प्रस्तुत मांगलिक गीतो को जापानी प्रतिनिधिमंडल द्वारा बहुत सराहा गया, भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।

आयोजन के इस अवसर पर देकी एक्सिस कम्पनी इंडिया प्रमुख सलाहकार व मंच संचालक के सी पांडे द्वारा अवगत कराया गया, वैश्विक फलक पर ख्यातिरत लीडरो का सु-विख्यात महकमा इस कम्पनी से जुड़ा हुआ है। अपशिष्ट जल को शुद्ध करने मे वैश्विक फलक पर छह दशकों का लम्बा अनुभव रखती है यह कम्पनी। करीब बीस लाख वैश्विक कम्पनियों के साथ देकी एक्सिस कम्पनी जापान कार्यरत है।

के सी पांडे द्वारा अवगत कराया गया, जापान 1960-70 तक बहुत प्रदूषित था। प्रदूषण से बीमारियां फैली। इंडस्ट्रियल अपशिष्ट जल प्रबंधन के कई चरणों में कार्य कर, इस सिस्टम को आगे बढ़ाया गया, नदियों व समुद्र को साफ किया गया। 1970 में जो सुमिदा नदी प्रदूषित होती थी, आज वह साफ नजर आती है। पानी की शुद्धता के मानको के मुताबिक पानी बाग-बगीचों व शोचालय व फ्लस में काम मे लाया जाता है। कैसे अपशिष्ट जल को शुद्ध किया जाता है, इस तकनीक मे देकी एक्सिस कम्पनी जापान का बड़ा योगदान रहा है।

अवगत कराया गया, वैश्विक फलक पर पानी की समस्या से लगभग सभी देश जूझ रहे हैं। पानी पर ही अगला विश्व संग्राम सुनिश्चित लग रहा है। भारत में पानी की जटिलता कुछ ज्यादा ही है। जमीनी पानी के स्तर पर कमी दिख रही है। वर्तमान मे भारत की जनसंख्या आंकडा, विश्व का अठारह प्रतिशत व जानवरो का बाइस प्रतिशत है। जबकि भारत के पास वैश्विक फलक का मात्र चार प्रतिशत पानी सुलभ है। भारत जमीनी पानी पर पैसठ प्रतिशत निर्भर है। उद्योग, खेती-किसानी सब जमीनी पानी पर निर्भर है, जो बडी चुनौती है। आंकड़ो के मुताबिक भारत वैश्विक जमीनी पानी का पच्चीस प्रतिशत पानी काम मे ला रहा है, जो चीन और अमेरिका से कही ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक, देश का साठ करोड़ जन पानी की समस्या से जूझ रहा है।

व्यक्त किया गया, उन्नत ऑन-साईट अपशिष्ट जल प्रबंधन कार्य जो देकी एक्सिस कम्पनी जापान द्वारा उच्च तकनीक से किया जा रहा है। यह कार्य विधि रिसाईकिल व रियूज की जापान में चलायमान ‘जुकासो’ तकनीक पर आधारित है। भारत मे जन-जन तक इस तकनीक को पहुचाने की जरूरत है। हरियाणा राज्य ने कदम बढ़ा दिया है। भारत सरकार के सहयोग से, जापान इस कार्य को कर रहा है।

अवगत कराया गया, घरों से निकलने वाले अपशिष्ट जल का कैसे सदुपयोग किया जाए, जापान ने इस समस्या पर, 1983 में सिस्टम बना कर सफलता प्राप्त कर ली थी। जापान ने अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपशिष्ट जल पर कार्यशालाऐ आयोजित की हैं। वाटर ट्रीटमेंट पर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किये हैं, जो प्रभावशाली रहे हैं। 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की गई थी। इसी अभियान के तहत हरियाणा में इस तकनीक की फैक्ट्री की आज शुरुआत, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कर कमलो हो रही है।

वैश्विक फलक पर विख्यात देकी एक्सिस कम्पनी जापान के प्रबंध निर्देशक रियो वाजा द्वारा मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ जापान के प्रतिनिधिमंडल, दूतावास अधिकारियों, भारत सरकार व हरियाणा राज्य सरकार के प्रतिनिधियों का फैक्ट्री उद्द्घाटन पर स्वागत अभिनंदन कर व्यक्त किया गया, अपशिष्ट जल प्रबंधन एक बड़ा तकनीकी विषय है। ‘जोहकासू’ तकनीक का वैश्विक फलक पर बड़ा योगदान रहा है। भारत सरकार को हम इस तकनीक के माध्यम से सहयोग करेंगे।

उद्द्घाटन के इस अवसर पर केन्द्रीयमंत्री किशन पाल गुर्जर द्वारा व्यक्त किया गया, चार-पांच वर्ष पूर्व जापान व भारत के मध्य जापानी ‘जोकासो’ तकनीक के माध्यम, पर्यावरण को सुरक्षित रख, अपशिष्ट जल को साफ करने पर बातचीत का क्रम आरंभ हुआ था। राज्य मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अथक प्रयास व माह मार्च मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी नीति व जापान व भारत के मध्य हुए समझोते के बाद चंद समय बाद ही आज इस तकनीकी फैक्ट्री का उद्द्घाटन हो रहा है, जो भारत के उपचारित अपशिष्ट जल को साफ कर बर्बाद हो रहे पानी व पानी की हो रही किल्लत की चिंता को दूर करने मे मील का पत्थर साबित होगा। हरियाणा राज्य का सौ प्रतिशत अपशिष्ट जल काम मे लाया जायेगा। कम लागत में यह इंडस्ट्री लगाई जायेगी। अवगत कराया गया, अभी भारत में 34 फीसद पानी ही साफ किया जाता है। जापान देश 98 फीसद पानी साफ करता है, जिसमे देकी एक्सिस कम्पनी की ‘जोकासो’ तकनीक का योगदान 26 फीसद है, जिसे बडी उपलब्धि के तहत आंका जा सकता है। हरियाणा में इस प्लांट की स्थापना व तकनीक पर कार्य होने के बाद निश्चय ही अन्य राज्य भी इस तकनीक से प्रभावित होंगे।

देकी एक्सिस जापानी कम्पनी चैयरमैंन व सीईओ हिरोशी उगामी द्वारा भी कम्पनी को वैश्विक फलक पर मिली उपलब्धियो व भारत में उक्त तकनीक के द्वारा किए जाने वाले कार्य के बावत व भारत के साथ मिलजुल कर काम करने की जुगत को दोनों देशो के सम्बंधों की मजबूती करार दिया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा व्यक्त किया गया पलवल जिले मे अच्छा उद्योग जापान द्वारा चलाया जाना राज्य व देश के हित में है। आज इस उद्योग का शुभारंभ हो गया है। यह उद्योग पानी का प्रबंधन करेगा। पानी के बिना जीवन सम्भव नही है। पानी पीने के लिए ही नही अन्य काम के उपयोग मे भी लाया जाता है। जरूरत के मुताबिक पानी उपलब्ध नहीं है। पानी का जितना उपयोग कर सके अच्छा है। पानी का जमीनी स्तर नीचे जा रहा है, यह स्तर समाप्त भी हो सकता है। पानी के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। आज जो जापानी तकनीक फैक्ट्री का उद्घाटन हुआ है, इस तकनीक के सुविधानुसार छोटा व बड़ा दोनों प्रोजेक्ट लगाऐ जा सकते हैं। सामान्य उपभोक्ता इस तकनीक से लाभ ले सकता है। जनता को इस तकनीक के बावत जागरूक किया जा सकता है। यह सेवा कार्य जापान की इस कम्पनी ने किया है।

मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्त किया गया, अभी सात सौ क्यूसेक पानी रियुज किया जा रहा है। इसको और गति देनी है। 2030 तक यह गति बढे, कोशिश की जा रही है। व्यक्त किया गया, मेरा पानी मेरी विरासत यह पूर्वजो द्वारा मिलती है, पानी नहीं। मारुति की तरह इस कम्पनी का पलवल मे 500 करोड का निवेश होगा। चार हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। अवगत कराया गया, वर्ष 2006 तक भारत मे जापान की 267 कम्पनियां थी आज 1455 हैं। अवगत कराया गया, भारत मे 28 फीसद जापानी कम्पनियां जो कार्य कर रही हैं उनमे चार सौ कम्पनिया हरियाणा में काम कर रही हैं। हरियाणा मे तालाब सूख गए हैं, 18 हजार तालाबों को सरकार दुरस्त कर रही है। 1700 तालाब चिंहित किए गए हैं। 15 अगस्त 2023 तक सभी तालाब साफ हो जायैंगे। आज जिस जापानी कम्पनी की फैक्ट्री का शुभारंभ हुआ है, यह वैश्विक फलक पर अच्छा कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्त किया गया, आज जरूरत है उन फसलो का उत्पादन किया जाए, जिनमे पानी की जरूरत कम होती है। धान की फसल को पानी ज्यादा चाहिए होता है। हरियाणा मे एक लाख टन धान उत्पादन होता है। राज्य ने अन्य उत्पादन बढ़ा दिए हैं। जापान की हर कम्पनी का हरियाणा मे निवेश करने पर स्वागत होगा के साथ, मुख्यमंत्री ने अपना संबोधन समाप्त किया।

जापान देकी एक्सिस कम्पनी चेयरमैंन हिरोशी उगामी, दिल्ली सीईओ कमल तिवारी द्वारा क्रमश: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व केन्द्रीयमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा के कैबिनैट मंत्री मूलचंद शर्मा, स्थानीय विधायक नयन पाल रावत इत्यादि इत्यादि को कम्पनी की ओर से स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

आयोजन समापन की घोषणा देकी एक्सिस कम्पनी प्रमुख सलाहकार व मंच संचालक के सी पांडे द्वारा सभी उपस्थित अतिथियों व अन्य सभी प्रबुद्ध जनों का आभार व्यक्त करने के साथ किया गया।
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